आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियां हैं, जो जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण करने में सक्षम हैं. जरूरी बस ये है कि आपको सही इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए. दमोह के जंगलों में मिलने वाली एक ऐसी ही औषधि है जिसे महिलाओं के बांझपन की समस्या खत्म हो जाती है. इसके सेवन से यौन शक्ति और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है.
आपको बता दें, दमोह की एक सीमा से नौरादेही अभ्यारण्य तो दूसरी सीमा से रानी दुर्गावती अभ्यारण्य लगा हुआ है, जिस कारण यहां के जंगलों में आज भी औषधीय पौधों की भरमार है. हर समस्या से निजात दिलाने वाली जड़ी-बूटियां यहां आज भी आसानी से मिल जाती हैं. इन्हीं औषधीय पौधों में से एक शिवलिंगी है, जिसका आयुर्वेद में काफी महत्व है. यह औषधीय फल हल्की विरेचक यानी मल निकालने वाला और शरीर को बल देने वाला होता है.
बांझपन से मिलेगी निजात
जंगलों और ग्रामीण इलाकों में बेरी के झाड़ों पर करेले के पत्तेनुमा आकार की लताएं अक्सर देखने को मिलती हैं. इसमें लाल रंग के छोटे-छोटे फल होते हैं, जिन्हें आयुर्वेद में शिवलिंगी कहा जाता है. यदि बांझपन से पीड़ित महिलाएं इसका सेवन करें तो उन्हें इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है.
यौन शक्ति, पाचन तंत्र के लिए भी है कारगर
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. ब्रजेश कुलपारिया ने बताया है कि आयुर्वेद में इस फल को शिवलिंगी के नाम से जाना जाता है. इसका फल छोटे सेब जैसा होता है, इसलिए इसे शिवलिंगी कहा जाता है. ज्यादातर यह फल कंटीली झाड़ों में पाया जाता है. इसके बीजों का चूर्ण बनाकर दूध के साथ लेने पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है. इसके अलावा यह फल पुरुषों की यौन शक्ति को भी बढ़ाने में कारगर है. शिवलिंगी के बीज लीवर, सांस की बीमारी, पाचन तंत्र आदि के लिए भी लाभदायक होते हैं. ये शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा देते हैं.