भारत में लगातार बढ़ते डेंगू के मामलों के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर राजीव बहल ने डेंगू के लिए बनाई गई वैक्सीन के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि डेंगू की वैक्सीन (Dengue Vaccine) भारत में बनी है, जबकि इसकी टेक्नोलॉजी यूएस की एनआईएच ने बनाई थी। वह इस वैक्सीन को नहीं बना पाए थे, लेकिन भारत की कंपनी ने इस वैक्सीन को पूरी तरह से निर्मित किया है।
डॉक्टर राजीव बहल ने कहा कि डेंगू के लिए बनाई गई वैक्सीन को आईसीएमआर ने सपोर्ट किया है। ड्रग कंट्रोल जनरल ने फेस-3 के फाइनल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। अगले दो साल के बीच इसका रिजल्ट आ जाएगा। नतीजे पॉजिटिव आने पर हम वैक्सीन का इस्तेमाल पूरी तरह से कर पाएंगे। यह एक ऐसी वैक्सीन होगी, जो डेंगू के लिए हमने अपने देश में बनाई है।
एक और वैक्सीन पर चल रहा काम
डायरेक्टर जनरल डॉक्टर राजीव बहल ने आगे बताया कि इसी तरह से एक और वैक्सीन पर काम चल रहा है, जो जूनोटिक बीमारी के लिए है। इस वैक्सीन को भी भारत में निर्मित किया गया है, जिसे आईसीएमआर के सहयोग से मिलकर बनाया गया है। इस वैक्सीन का छोटे जानवरों में किए गए टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। अब उसका बड़े जानवरों और फिर ह्यूमन में टेस्ट किया जाएगा। पहले टेस्ट का अप्रूवल भी हमें मिल गया है। ऐसे ही डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जैसे- एमपोक्स उसके तीन टेस्ट भारत में बने, जो आईसीएमआर द्वारा निर्मित है। उसका भी अप्रूवल हमें मिल चुका है। हम भारत में एमपोक्स का टेस्ट कर सकते हैं।
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उन्होंने आगे कहा, इसी प्रकार से कई दुर्लभ बीमारियों के पिछले साल भी हमें अप्रूवल मिले हैं, बहुत सारे टेस्ट चल रहे हैं और हमें उम्मीद है कि भारत में निर्मित इन वैक्सीन से काफी कुछ बदल पाएंगे। पीएम मोदी ने खुद कहा है कि ‘डिजाइन इन इंडिया’, ‘डेवलप इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ हमारी इन टेक्नोलॉजी को मध्यम प्राइस पर ना सिर्फ भारत की जनता बल्कि पूरे विश्व को मुहैया करा पाएंगे।