स्वास्थ्य और बीमारियां

माइग्रेन की समस्या हो सकती है जानलेवा, इन लक्षणों से पहचानें ये बीमारी

माइग्रेन तेज सिरदर्द की समस्या है, जो आमतौर पर सिर के एक तरफ बहुत तीखे दर्द के साथ शुरू होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिर दर्द के साथ जी मिचलाना, उल्टी और दस्त के लक्षण भी हो सकते हैं। लाइट और साउंड के प्रति व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है। माइग्रेन का अटैक एक घंटे से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। भयंकर दर्द के कारण रोजमर्रा के काम में भी दिक्कत हो सकती है।

माइग्रेन सिरदर्द है, जो आमतौर पर सिर के एक तरफ बहुत तीखे दर्द के साथ शुरू होता है। कुछ लोगों में सिरदर्द से पहले देखने में परेशानी, चमकीली लाइट या धब्बा दिख सकता है। इसके कारण चेहरे के एक तरफ या हाथ या पैर में झुनझुनी और बोलने में कठिनाई भी होती है। कुछ दवाएं माइग्रेन को रोकने और दर्द कम करने में मदद कर सकती हैं। दवा के साथ-साथ लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी है।

यदि उपचार न किया जाए, तो माइग्रेन आमतौर पर 4 से 72 घंटों तक रहता है। माइग्रेन का अटैक कितनी बार होगा, यह हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। माइग्रेन कभी-कभार या महीने में कई बार भी हो सकता है।

माइग्रेन होने का क्या कारण है

कैफीन, हार्मोनल चेंज, पेनकिलर का लगातार प्रयोग, अत्यधिक लाईट भी इसके होने की वजह बनते हैं।
किसी खाद्य पदार्थ के प्रति एलर्जी और खाद्य पदार्थ में मौजूद केमिकल भी इसके प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
इमोशनल स्ट्रेस माइग्रेन को सबसे अधिक ट्रिगर करता है। किसी एक टाइम का भोजन स्किप करने पर भी यह हो सकता है।

माइग्रेन के लक्षण क्या हैं

माइग्रेन बच्चों, किशोरों के साथ-साथ बड़ों को भी प्रभावित करता है। इसका दर्द चार चरणों से होकर बढ़ सकता है- प्रोड्रोम, ऑरा, अटैक और पोस्ट-ड्रोम। जरूरी नहीं है कि माइग्रेन से पीड़ित हर व्यक्ति को सभी चरणों से गुज़रना ही पड़े।

  • शुरुआती दौर में माइग्रेन से एक या दो दिन पहले कब्ज़, मूड में बदलाव, अवसाद, अत्यधिक उत्साहित होना, खूब भोजन करने की इच्छा या भूख नहीं लगना, गर्दन में अकड़न, बार बार यूरीन पास होना, बार-बार उबासी आना भी लक्षण हो सकते हैं।
  • कुछ लोगों में माइग्रेन से पहले या उसके दौरान औरा बनने का आभास होता है। यह नर्वस सिस्टम के प्रभावित होने के कारण हो सकता है।
  • इसके कारण आकृति, चमकीले धब्बे या प्रकाश जैसा चमकना दिख सकता है। इसके कारण धुंधला दिखाई दे सकता है। प्रत्येक लक्षण धीरे-धीरे शुरू होकर 1 घंटे तक रह सकता है।
  • हाथ या पैर में पिन और सुइयों की अनुभूति, चेहरे या शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता, बोलने में कठिनाई, एग्रेसिव हो जाना आदि लक्षण भी दिख सकते हैं।

माइग्रेन का पता कैसे करें

  • यदि आपको माइग्रेन है या परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें।
  • गंभीर मामलों में एमआरआई स्कैन, सीटी स्कैन भी कराई जा सकती है।
  • वे संभवतः आपकी मेडिकल हिस्ट्री, लक्षणों और शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट के आधार पर माइग्रेन का निदान करेंगे।

माइग्रेन का उपचार क्या है

  1. इस प्रकार की दवाएं माइग्रेन दर्द के दौरान ली जाती हैं। यह सिर्फ लक्षणों को रोकने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं।
  2. माइग्रेन के इलाज के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। माइग्रेन के लिए दो तरह की दवाएं आती हैं। पेन किलर भी इसका उपचार हो सकती हैं।
  3. माइग्रेन की फ्रीक्वेंसी को कम करने वाली दवाएं। माइग्रेन की गंभीरता या आवृत्ति को कम करने के लिए इस प्रकार की दवाएं नियमित रूप से ली जाती हैं।
  4. उपचार के विकल्प माइग्रेन की फ्रीक्वेंसी और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। सिरदर्द के साथ जी मिचलाना और उल्टी की स्थिति में अलग दवाएं दी जाती हैं। इसी तरह अन्य स्थितियों में अलग दवाओं की जरूरत होगी ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button