अनियमित दिनचर्या और अनहेल्दी फूड्स ने जो समस्याएं सबसे ज्यादा बढ़ाई हैं, उनमें कब्ज भी शामिल है। कब्ज न केवल आपको दिन भर डिस्टर्ब रखती है, बल्कि कई और समस्याओं का कारण भी बनती है। बढ़ती उम्र के साथ-साथ कुछ दवाएं भी हैं, जो कब्ज का कारण बनती हैं। कभी-कभार शौच ठीक से न हो पाना, किसी के लिए भी सामान्य है। पर जब लगातार ऐसा होने लगे, तो इस पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है।
क्या है ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’
जयपुर स्थित नारायणा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. श्रीकांत बताते हैं कि कब्ज़ एक सामान्य समस्या है। इसमें व्यक्ति का बोवेल मूवमेंट कम हो जाता है या अनियमित हो जाता है। जिससे व्यक्ति को मलत्याग करने में समस्याएं होने लगती है। जो बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है।
डॉ. श्रीकांत बताते हैं कि कई लोगों को भ्रम होता है कि यदि वे हर दिन मलत्याग नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें कॉन्स्टिपेशन की समस्या है। जबकि यदि व्यक्ति को तीन से चार दिन तक स्टूल पास करने में समस्याएं हो, तो ऐसी स्थिति को ‘कॉन्स्टिपेशन’ कहा जाता है। वहीं, यदि यह समस्या कई हफ़्तों या कई महीनों तक चलती हैं, तो इसे ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ कहा जाता है।
कई बीमारियों का कारण है ये
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज़, डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज की एक रिपोर्ट के अनुसार कब्ज़ किसी तरह की बीमारी नहीं हैं, लेकिन किसी अन्य बीमारी का एक लक्षण जरूर हो सकती है। आमतौर पर कब्ज़ थोड़े या लंबे समय तक के लिए हो सकती है।
Read Also – महिलाओं के लिए जरूरी होता है ब्रा पहनना, वर्ना हो सकता है नुकसान
लंबे समय तक होने वाली कब्ज़ की समस्या को मेडिकल भाषा में ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ कहा जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यूनाइटेड स्टेट्स में ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ की समस्या एक आम बात है। यूएस में 100 लोगों में से लगभग 16 लोग इस समस्या से पीड़ित है। जिसमें लगभग 33 फीसदी लोगों की उम्र 60 या उससे अधिक है।
क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन के लक्षण ?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज़, डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार, व्यक्ति को यदि लंबे समय तक कुछ लक्षण दिखने लगे तो इसका मतलब हैं कि उसे ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन‘ की समस्या है।
- मल त्यागने में कठिनाई या असहनीय दर्द होना।
- ऐसा महसूस होना कि अभी पेट साफ नहीं हुआ है और कुछ बाकी रह गया है।
- यदि मल हार्ड, ड्राई और लम्प्स जैसा होता है तो यह भी ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ का एक लक्षण है।
- यदि कोई व्यक्ति एक सप्ताह में तीन से कम बार मल त्याग करता है, तो उसे ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ की समस्या है।
क्या मानसिक समस्या का कारण है कब्ज?
एक समाचार विज्ञप्ति के अनुसार , पुरानी कब्ज को सूजन और चिंता और अवसाद जैसे मानसिक विकारों से जोड़ा गया है , लेकिन पाचन स्वास्थ्य और दीर्घकालिक संज्ञानात्मक कार्य के बीच संबंध के बारे में कई अनुत्तरित प्रश्न हैं।
ये समस्या हो तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
डॉ. श्रीकांत के अनुसार ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ में सही समय तक डॉक्टर को दिखाना बहुत आवश्यक है। यदि आप भी इस असमंजस में हैं कि आपको होने वाली समस्या आम कॉन्स्टिपेशन है या ‘क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन’ तो आपको सही लक्षण समझ के तुरंत उसका उपचार कराना चाहिए।
Read Also – ज्यादा स्क्रब करने पर खराब हो सकती है आप की त्वचा
- मलाशय से खून आना
- बार-बार उलटी लगना
- पेट में लगातार दर्द होना
- गैस पास करने में समस्या होना
- बिना किसी कारण वजन घटना
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
- कब्ज़ के कारण पेट में असहनीय दर्द
- पाइल्स, फिस्चर और बोवेल प्रोलैप्स जैसी समस्याएं
- एसिडिटी, गेस्टोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स और आँतों की समस्याएं
- लंबे समय तक कब्ज़ से स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याएं