खाना हो या मेडिसिन, फायदा तभी मिलता है जब सही मात्रा में, सही तरह से लिया जाए. सर्दियों का एक ऐसा ही प्रोडक्ट है च्यवनप्राश. इसे इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर, भूख बढ़ाने और सर्दी-खांसी से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सर्दी आते ही लोग तरह-तरह के च्यवनप्राश खाने लगते हैं. हालांकि इसके इस्तेमाल और सेवन में कुछ सावधानियां बरतना जरूरी होता है, तभी इससे पूरी फायदा मिलता है.
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विशेषज्ञों के मुताबिक, च्यवनप्राश एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है, जो इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने और बीमारी होने के खतरेम को कम करता है। यह एक खट्टा-मीठा, चिपचिपा और गहरे रंग का जैम जैसा पदार्थ है, जिसका आप दिन में सेवन कर सकते हैं। माना जाता है कि इसको खाने से संक्रमणों से मुक्ति मिलती है। आयुर्वेदिक साइंस में स्वीकृत स्वस्थ अवयवों से तैयार किया जाने वाला पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट पेस्ट इम्यून हेल्द को बढ़ावा देने, पोषण देने और आपको अपने स्वास्थ्य को ठीक बनाए रखने में मदद करता है।
इस तरह करें सही आइटम का चुनाव
च्यवनप्राश चुनने से पहले कुछ बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी है. जैसे आपको ये इम्यूनिटी के लिए चाहिए, कमजोरी के लिए, कफ-कोल्ड के लिए या किसी और उद्देश्य से. बाजार में कुछ खास च्यवनप्राश आते हैं जो जरूरत के अनुसार चुने जा सकते हैं. जैसे डायबिटिक पेशेंट्स के लिए खास शुगर फ्री च्यवनप्राश इस्तेमाल किया जाता है. बच्चों के लिए मार्केट में अलग च्यवनप्राश उपलब्ध होते हैं इसलिए अपनी जरूरत के मुताबिक सही प्रोडक्ट का चुनाव करें.
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यह है सेवन का सही तरीका
च्यवनप्राश को रात में सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच और सुबह नाशते के बाद एक चम्मच लेना चाहिए. अगर दूध से नहीं लेना चाहते तो गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं. बच्चों को आधा चम्मच से ज्यादा न दें और बड़े एक चम्मच ले सकते हैं. बहुत छोटे बच्चों को च्यवनप्राश न दें या डॉक्टर से सलाह लें. अगर किसी गंभीर या अलग तरह की बीमारी हो तो भी इसके सेवन से पहले डॉक्टर की परामर्श लें.
कैसे चेक करें इसकी शुद्धता
च्यवनप्राश लेने के बाद उसकी शुद्धता जरूर चेक कर लें ताकि आगे के लिए सावधान हो सकें. इसके लिए एक कटोरी में पानी लें और जरा सा च्यवनप्राश उसमें डालें. अगर वह शुद्ध होगा तो नीचे बैठ जाएगा. जिसमें मिलावट होती है वह ऊपर तैरने लगता है या उसके कुछ पार्टिकल ऊपर तैरने लगते हैं.
दरअसल च्यवनप्राश में मिलावट के नाम पर कुछ लोग सब्जियां जैसे लौका या कदूद मिला देते हैं ताकि कॉस्ट कम हो जाए और ज्यादा दामों में उसे बेच दें. आपको बस इसी की मिलावट देखनी होती है.