गर्भावस्था के दौरान सेक्स को लेकर लोगों के मन में कई तरह के विचार उठते हैं। दरअसल सेक्स भी रिलेशनशिप का एक महत्वपूर्ण अंग है। मगर प्रेगनेंसी के वक्त पेट के बढ़ने से बॉडी को बैलेंस करना मुश्किल हो जाता है।
आमतौर पर सेक्स के लिए मिशनरी पोज़िशन को चुना जाता है। जिसमें महिलाएं पीठ के बल लेटती हैं। वो पोजिशन प्रेगनेंसी के दौरान समस्या का कारण बन सकती है।
इन पोजिशन में बैली पर पूरा दबाव आता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान सेक्स से पहले कुछ सेक्स पोजिशन्स का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। अन्यथा इसका असर प्रेगनेंसी पर भी हो सकता है। जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान किन सेक्स पोजिशन्स को चुनें।
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ का कहना है कि रिश्तों में इंटिमेसी आवश्यक है। प्रेगनेंसी में सेक्स करना नॉर्मल है। मगर आपके पेट पर आने वाला किसी प्रकार का दबाव प्रेगनेंसी में नुकसानदायक हो सकता है।
ऐसे में सेक्स के लिए कंफर्टेबल पोज़िशन को चुनना ज़रूरी है। दरअसल, सेक्स का असर आपकी प्रेगनेंसी पर तब तक नहीं होता है, जब तक आप किसी प्रकार के दर्द, ऐंठन और ब्लीडिंग से नहीं गुज़र रहे हैं। वे लोग जिनका प्लीसेंटा लो है उन्हें सेक्स से बचना चाहिए। उनके लिए पेनेट्रेटिव सेक्स ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
नेशनल चाइल्ड बर्थ ट्रस्ट के अनुसार अधिकतर कपल्स का मानना है कि सेक्स से मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। मगर ऐसा नहीं हैं। अगर आप सेक्स को लेकर असमंजस में है, तो इस बारे में अपनी डॉक्टस से सलाह लें।
कंफर्टेबल पोज़िशन्स
स्पूनिंग पोज़िशन
इसमें पेट पर दबाव आने की संभावना नहीं रहती है। इस पोजिशन में आपका पार्टनर आपके पीछे रहता है, जो पेनिस को पीछे से पेनिट्रेट (penetrate) करता है। इसके अलावा क्लीटोरिस को टच करके पार्टनर को प्लैजर देने की भी कोशिश करता है। दूसरी और तीसरी तिमाही ये सेक्स पोज़िशन उचित रहती है। इस पोज़िशन से आपकी बैली हेल्दी बनी रहती है।
स्टैण्डिंग पोज़िशन
अगर आपको 20 सप्ताह की प्रेगनेंसी है, तो स्टैण्डिंग पोजिशन आपके लिए कारगर साबित होने लगती हैं। दरअसल 20 हफ्तों के बाद बॉडी को बैलेंस करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रेगनेंट पार्टनर दीवार को पकड़कर खड़ा हो सकता है, जिससे बैलेंस मेंटेन रहता है और यौन संबध बनाने में आसानी होती है। पहली और दूसरी तिमाही में इसे सेक्स पोज़िशन को चुनने की राय दी जाती है।
फ्लोटिंग पोजिशन
अगर आप इस पोज़िशन में सेक्स करते हैं, तो इसके लिए प्रेगनेंट पार्टनर को अपने साथी के ऊपर आना होगा। बहुत से लोग बाथटब में भी इस सेक्स पोज़िशन को एजॉय करते हैं। तीसरी तिमाही के दौरान इस सेक्स पोज़िशन को अधिकतर चुना जाता है। इसमें पेट पर किसी प्रकार का वज़न और प्रैशर पड़ने का खतरा नहीं रहता है।
सिटिड प्रेगनेंसी सेक्स
बॉडी को थकान से बचाने के लिए सिटिड प्रेगनेंसी सेक्स भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें प्रेगनेंट पार्टनर कुर्सी या बैड पर बैठकर इंटरकोर्स कर सकता है। इसमें महिलाएं अपने आराम और कमर दर्द से बचने के लिए पिलो का भी सहारा ले सकती है। इसे किसी भी ट्राइमेस्टर में अपनी सुविधा के हिसाब से किया जा सकता है।
गर्ल ऑन टॉप
गर्ल ऑन टॉप पोजिशन में प्रेगनेंट पार्टनर आसानी से मूवमेंट को नियंत्रित कर लेता है। ऐसे में न के वल पेन की संभावना कम होती है बल्कि बैली पर भी इसका असर नहीं होता है। अगर आपको सेक्स के दौरान किसी प्रकार की ऐंठन या दर्द की शिकायत है, तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।