Red Meat: भारत में वैसे तो बहुत से लोग शाकाहारी हैं, लेकिन अधिकतर लोग मांस को सेवन करते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 के मुताबिक, भारत में 70 फीसदी महिलाएं और 78 फीसदी पुरुष मांस खाते हैं। हालांकि, कुछ सर्वेक्षणों से पता चलता है कि 23 फीसदी से 37 फीसदी आबादी शाकाहारी है, जिसका मतलब है कि 63 फीसदी से 77 फीसदी लोग मांसाहारी हैं।
मांसाहारी खाद्य पदार्थों में जानवरों से प्राप्त कोई भी भोजन शामिल है, जैसे- लाल मांस (मटन, बीफ, पोर्क), चिकन, मछली और अंडे। हालांकि, ये खाद्य पदार्थ प्रोटीन, बी विटामिन और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हो सकते हैं। मगर, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लाल मांस का नियमित सेवन स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
Red Meat खाने से शरीर पर असर
स्वास्थ्य विशषज्ञों के अनुसार, हर दिन रेड मीट खाने से स्ट्रोक, हृदय रोग, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि हर दिन रेड मीट खास तौर पर सॉसेज और बेकन जैसे प्रोसेस्ड रेड मीट खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। डॉक्टर आगे बताती हैं कि रेड मीट में मौजूद सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक के निर्माण में योगदान दे सकते हैं, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।
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JAMA Internal Medicine में प्रकाशित 2020 के एक अध्ययन में औसतन 19 वर्षों तक 29,000 से अधिक वयस्कों का अनुसरण किया गया और पाया गया कि जो लोग अधिक प्रोसेस्ड मीट, अनप्रोसेस्ड रेड मीट या पोल्ट्री खाते हैं। उनमें हृदय रोग होने या किसी भी कारण से मरने की संभावना अधिक होती है।
रेड मीट खाने से होने वाली गंभीर बीमारियां
हर दिन रेड मीट खाने से हृदय रोग, मधुमेह, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के विकसित होने का जोखिम बढ़ सकता है। हृदय स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में बात करते हुए डॉक्टर कहती हैं कि रोज़ाना रेड मीट खास तौर पर सॉसेज और बेकन जैसे प्रोसेस्ड रेड मीट खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। रेड मीट में मौजूद सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक के निर्माण में योगदान कर सकते हैं, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।JAMA में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग ज्यादा प्रोसेस्ड मीट, अनप्रोसेस्ड रेड मीट या पोल्ट्री खाते हैं, उनमें हृदय रोग होने या किसी भी कारण से मरने की संभावना अधिक होती है। अधिक मछली खाने से जोखिम बढ़ने का कोई संबंध नहीं था।