सरकारी स्लोगन है. रक्तदान महादान. लेकिन हम तो कहेंगे रक्तदान जीवनदान. आपके खून का एक एक कतरा कई लोगों की जान बचा सकता है. कुछ लोगों ने इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है. ऐसे ही एक डोनर हैं जो अब तक न जाने कितने लोगों की जान बचा चुके हैं और दूसरों के लिए भी रक्तदान की प्रेरणा बन चुके हैं
ये युवा रक्तवीर बांका के मयंक मिंकू. वो अभी 39 साल के हैं और अब तक 38 बार रक्तदान कर न जाने कितने लोगों को जीवन दे चुके हैं. वो खुद भी रक्तदान करते हैं और और खुद दूसरों के लिए ऐसी प्रेरणा बने कि 5 हजार लोगों को रक्तदान करवा चुके हैं. मयंक जगह-जगह ब्लड कैंप लगाते हैं. वो रक्तदान के साथ और भी कई सामाजिक सरोकार से जुड़े काम करते हैं.
एक हादसे ने बदल दी जिंदगी
मयंक बताते हैं कि एक हादसे ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी. दरअसल, एक बार वो अपने व्यावसायिक काम के लिए भागलपुर गए थे. वहां एक सड़क हादसा हुआ, जिसमें उनका दोस्त गंभीर रूप से जख्मी हो गया. उसे इलाज के लिए भागलपुर के मायागंज अस्पताल ले गए. दोस्त को खून की जरूरत थी, लेकिन समय रहते खून नहीं मिल पाया औऱ दोस्त की मौत हो गयी. दोस्त के जाने का सदमा उनके जेहन में घर कर गया. इसके बाद मयंक ने प्रण ले लिया कि अब किसी जरूरतमंद को खून की कमी से मरने नहीं देंगे. तब से लगातार ब्लड डोनेटे करने के साथ रक्तदान शिविर भी लोगों की मदद से लगवाते आ रहे हैं.
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19 की उम्र में पहली बार रक्तदान
मयंक मिंकू ने बताया, दोस्त की मौत के बाद 2004 में पहली बार 19 वर्ष की उम्र में रक्तदान किया था और अब 39 साल की उम्र तक आते-आते 38 बार रक्तदान कर चुके हैं. इस मुहिम में जिले के कई छोटे-बड़े लोग हमेशा साथ देते हैं. बांका जिले में कहीं भी लोगों को ब्लड की जरूरत पड़ती है तो तुरंत मुहैया कराने में लग जाते हैं. रक्तदान से सैकड़ों लोगों की जान भी बचा चुके हैं.
रक्तदान से नहीं होता शरीर कमजोर
मयंक पूरे समाज को संदेश दे रहे हैं. वे कहते हैं कि सभी को अपने-अपने हिसाब से समाज सेवा जरूर करनी चाहिए. लोगों को यह गलतफहमी रहती है कि यदि रक्तदान करेंगे तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी. लेकिन अपने अनुभव और डॉक्टर की सलाह से बताते हैं कि रक्तदान करने के बाद आपके शरीर में हृदय गति की स्थिति सामान्य रहती है. इससे आपके शरीर का संतुलन हमेशा बना रहता है. रक्तदान करने से आपके शरीर में नये रक्त का प्रवाह शुरू होता है जिससे आपके शरीर को काफी फायदा होगा और कभी नुकसान नहीं होता है.