अहमदाबाद के एक अध्ययन में पाया गया है कि मधुमेह के 35% रोगियों को खान-पान से जुड़ी कोई न कोई परेशानी है। इनमें से कुछ को तो भूख होने के बावजूद खाने में डर लगता है, तो कुछ कैलोरी गिनते-गिनते खाना भूल जाते हैं। अध्ययन के अनुसार, शहर के 250 मधुमेह रोगियों पर किए गए सर्वेक्षण में 90 लोगों को खाने की आदतों से जुड़ी परेशानी पाई गई। इनमें से 21% पुरुष और 14% महिलाएं थीं।
मधुमेह का इलाज इस पर निर्भर
अध्ययन में कहा गया है कि मधुमेह का इलाज सही खान-पान पर निर्भर करता है, इसलिए खाने की आदतों में गड़बड़ी चिंता का विषय है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों को सही जानकारी और मनोवैज्ञानिक सलाह देकर इन परेशानियों को रोका जा सकता है।
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अध्ययन से यह सामने आया
- 250 मधुमेह रोगियों पर सर्वेक्षण किया गया।
- 90 (35%) लोगों में खाने की आदतों से जुड़ी परेशानी पाई गई।
- इसमें ज्यादा खाने से लेकर, बुलिमिया नर्वोसा और एनोरेक्सिया नर्वोसा जैसी गंभीर बीमारियां शामिल थीं।
- उम्र बढ़ने के साथ खाने की आदतों की परेशानी कम पाई गई।
डॉक्टर्स की क्या है सलाह
- डॉक्टरों का कहना है कि मधुमेह से जुड़े वजन बढ़ने और अन्य स्थितियों का मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकता है।
- 20-30% मरीज खाने के बारे में गलत धारणा रखते हैं, जिसे दूर करना जरूरी है।
- मधुमेह रोगियों के लिए सिर्फ डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिकों की मदद भी लेनी चाहिए।
- युवा रोगियों में शरीर की छवि और दवाओं के प्रभाव को समझना जरूरी है।
- मरीजों को सही जानकारी देकर उनके खाने की आदतों को सुधारा जा सकता है।