गर्दन दर्द एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है. ये दर्द ज्यादातर लम्बे समय तक बैठे रहने, गले में सूजन, ऊंचा तकिया इस्तेमाल करना या गले के पीछे की मांसपेशियों में तनाव के कारण हो सकता है. इस परेशानी का सही समय पर इलाज न करने पर ये स्थिति और गंभीर हो सकती है.
वर्तमान में लोगों के काम करने के तरीकों ने नेक पेन को बढ़ावा दिया है. लगातार लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना, खराब मुद्रा में सोना और किसी प्रकार की चोट लगना नेक पेन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. यदि गर्दन में दर्द एक हफ्ते से अधिक बना रहता है तो इसके लक्षण चिंताजनक हो सकते हैं. नेक पेन से छुटकारा पाने के लिए सही पोश्चर और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो नेक पेन कई कारणों से हो सकता है. कई लोगों के लिए नेक पेन के साथ जीना काफी मुश्किल भरा हो सकता है. गर्दन में दर्द, खराब पोश्चर, लंबे समय तक डेस्क पर काम करना, एक ही पोजीशन में बैठना, गलत ढंग से सोना और एक्सरसाइज करते समय गर्दन में जर्क लगने की वजह से हो सकता है. ये दर्द कई बार चोट और हार्ट अटैक के कारण भी होता है.
आज इसी पर बात करने के लिए आरोग्य इंडिया से जुड़े हैं डॉ श्री राम गुप्ता जो पिछले कई सालों से न्यूरो सर्जन के रूप में मरीजों को उनकी समस्याओं से निजात दिलाते आये हैं. डॉ श्री राम गुप्ता से जानते हैं कि लम्बे समय तक गर्दन में दर्द होने के क्या लक्षण हैं, क्या गर्दन में दर्द स्पाइन डिसऑर्डर का लक्षण है?
डॉ श्री राम गुप्ता बताते हैं कि लंबे समय तक गर्दन में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- गर्दन की हड्डी में कोई खराबी होना, गर्दन की नस का दब जाना, प्रॉपर नींद न लेना, ठीक तरह से न सोना, आराम न करने से गर्दन में दर्द हो सकता है. कुछ मामलों में गर्दन में दर्द है तो यह स्पाइन डिसऑर्डर हो सकता है लेकिन सभी मामलों में ऐसा हो, ये संभव नहीं है. क्योंकि गर्दन में दर्द, हड्डी में समस्या होने से दिक्कत हो सकती है, गर्दन की नस दबी होने से भी हो सकता है. गर्दन की हड्डी में कोई पैदायशी खराबी है या बाद में कोई चोट लगने से दिक्कत आ गई है या ओल्ड एज में या किसी बीमारी की वजह से हड्डियां कमजोर हो गई हैं, टूट गई हैं तो उससे स्पाइन में समस्या आ सकती है. इसे ही स्पाइन डिसऑर्डर बोलते हैं.
स्पाइन डिसऑर्डर के क्या लक्षण होते हैं? क्या गर्दन में दर्द ही स्पाइन डिसऑर्डर का संकेत है या कुछ और भी कारण हैं?
स्पाइन डिसऑर्डर में अगर कोई हड्डी में दिक्कत है तो गर्दन में दर्द होगा, गर्दन की बनावट में बदलाव आयेगा, अगर नस दब गई है तो मरीज को गर्दन के अलावा हाथों में झनझनाहट, पैरों में झनझनाहट, सुन्नपन, कमजोरी होगी. अगर बहुत ज्यादा दबाव हो गया है तो चक्कर आना भी हो सकता है. अगर किसी को गर्दन में दर्द होता है तो शुरुआती समय में अपना घरेलू या आसपास के डॉक्टर को दिखा सकते हैं, कोई प्राइमरी ट्रीटमेंट ले सकते हैं. लेकिन प्राइमरी ट्रीटमेंट लेने के बाद भी समस्या बनी रहती है तो डॉक्टर से सलाह लेना या उनसे मिलना जरूरी हो जाता है.
गले में कॉलर पहनने वाले क्या स्पाइन डिसऑर्डर के शिकार होते हैं?
मेडिकल टर्म में कई डिसऑर्डर होते हैं उनको स्पोंडिलाइटिस या स्पांडाउसिस बोलते हैं. ये सब अलग-अलग चीजे हैं. ये मेडिकली बहुत डीप चीजें हैं लेकिन जिनको गर्दन में अगर थोड़ा सा नस दब गई है या हड्डी की बनावट थोड़ी बिगड़ गई है तो उसे नॉर्मल भाषा में सर्वाइकल या स्पांडाउसिस बोलते हैं. कॉलर लगाने से गर्दन की हड्डी को सपोर्ट मिलता है, दर्द में आराम मिलता है इसलिए गर्दन में कॉलर पहना जाता है.