आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान का सीधा असर पुरुषों की फर्टिलिटी (Male Infertility) पर पड़ता है। वर्तमान में हम जिस तरह के व्यस्त शेड्यूल में उलझे हैं, उसका असर स्पर्म काउंट (Sperm Count) पर पड़ रहा है। ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ही नहीं दुनियाभर के पुरुषों का स्पर्म काउंट 45 सालों में आधे से ज्यादा घट गया है। सबसे ज्यादा असर भारतीय मर्दों के स्पर्म काउंट पर पड़ रहा है।
सामान्य तौर पर पुरुषों के वीर्य (Semen) में प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5-3.9 करोड़ तक होता है। अगर प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5 करोड़ से कम हो जाता है तो इसका इलाज जरूरी हो जाता है। इसका पता डॉक्टर मेडिकल टेस्ट के जरिए लगाते हैं। स्पर्म काउंट पर सिर्फ डाइट और रूटीन ही नहीं कुछ तरह की बीमारियों का भी असर पड़ सकता है। इनकी वजह से पुरुषों का स्पर्म काउंट प्रभावित हो सकता है।
पुरुषों के स्पर्म काउंट कम होने के कारण (Causes of Low Sperm Count in Men)
- खानपान और हवा से शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल जाता है। जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो कई हॉर्मोन प्रभावित होने लगते हैं। इसका स्पर्म काउंट पर भी असर हो सकता है।
- प्रदूषण भी काफी हद तक स्पर्म काउंट पर असर डालता है।
- बहुत ज्यादा सिगरेट और शराब पीने से भी स्पर्म काउंट कम हो सकता है।
- मोटापा भी स्पर्म काउंट कम होने की वजह बन सकता है।
- सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के असंतुलन की वजह से स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है।
क्या बीमारी के कारण भी स्पर्म काउंट पर पड़ सकता है असर?
स्पर्म से जुड़ी जेनेटिक बीमारी, प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन, यौन रोग गोनोरिया जैसी कई बीमारियां है, जिसकी वजह से स्पर्म काउंट घट सकता है। अमेरिका के बाल्टीमोर के जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन के मुताबिक, अगर किसी को टीनएज में मम्स हो चुका है तो बड़े होने पर उसका स्पर्म काउंट कम हो सकता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, सिरोसिस, अल्सर, लिवर और किडनी की बीमारियों में जो दवा खाई जाती हैं, उसका भी फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है।
इन बीमारियों का भी स्पर्म काउंट पर असर
- डायबिटीज ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है, जिससे स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है।
- हाइपोथायरायडिज्म थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करती है, जो स्पर्म काउंट पर असर डाल सकता है।
- वैरिकोसेल, टेस्टिकल्स (Testicles) को प्रभावित करती हैं, जो स्पर्म काउंट पर असर डाल सकते हैं।
- प्रोस्टेट प्रॉब्लम्स से भी स्पर्म काउंट प्रभावित हो सकती है।