स्वास्थ्य और बीमारियां

Energy Drinks पीने वालों में इस बीमारी का खतरा, Study ने किया दावा

एक नयी स्टडी में यह बात सामने आयी है कि एनर्जी ड्रिंक्स पीने वालों में हार्ट डिजीज का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। इन लोगों में ‘कार्डियक एरिथमिया’ का खतरा विशेष तौर पर हाई देखा गया। हार्ट एरिथमिया अनियमित हार्ट बीट से जुड़ी एक कंडीशन है जिसमें दिल की धड़कन असामान्य तरीके से काम करती है।

अमेरिका के मेयो क्लिनिक के शोधकर्ताओं ने बताया कि एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। वहीं इनमें मिलाए जाने वाले अन्य तत्वों की वजह से हार्ट रेट बढ़ सकती है, ब्लड प्रेशर लेवल अनियंत्रित हो जाता है और कार्डियक कांट्रैक्टिलिटी (हृदय संकुचनशीलता) में भी बदलाव आ सकते हैं।

इस स्टडी में बताया गया कि एनर्जी ड्रिंक्स की एक सर्विंग में 80 मिलीग्राम से 300 मिलीग्राम तक कैफीन पाया जाता है, जबकि 8 औंस के ब्रू कॉफी के कप में 100 मिलीग्राम होता है। हालांकि, इनमें से कई एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन के अतिरिक्त टॉरिन और ग्वाराना जैसे उत्तेजक पदार्थ शामिल होते हैं, जिन पर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA, USA) ने प्रतिबंध लगा दिया है।

पत्रिका हार्ट रिदम में प्रकाशित स्टडी में मेयो क्लिनिक के शोधकर्ताओं ने सडन हार्ट अटैक से बचने वाले 144 लोगों के एक समूह का विश्लेषण किया। इनमें से 7 लोग ऐसे थे जिन्होंने हार्ट अटैक आने से पहले एक या उससे अधिक एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन किया था।

एनर्जी ड्रिंक पीने वालों में सडन हार्ट अटैक

क्लीनिक के जेनेटिक कार्डियोलॉजिस्ट माइकल जे. एकरमैन ने कहा, “एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक सेवन संभवतः हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाने वाले अन्य कारकों के साथ मिलकर उलथ-पुथल जैसा वातावरण तैयार कर सकता है। इससे मरीजों की हृदय गति अचानक से रुक ​​जाती है।” माइकल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में एनर्जी ड्रिंक्स का मार्केट तेजी से बढ़ा है।

वहीं, शोधकर्ताओं का कहना है कि ”भले ही स्टडी में हार्ट अटैक के प्रत्यक्ष कारण सामने नहीं आए, लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने सावधानी बरतते हुए लोगों को एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन को कम करने की सलाह दी है।”

रिसर्च करने वालों के अनुसार, ‘ एनर्जी ड्रिंक्स से जहां आप अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करते हैं। तो वहीं इन ड्रिंक्स के सेवन से अन्य अनहेल्दी आदतों या हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर्स का संभावित संयुक्त प्रभाव खतरा बढ़ा सकता है।”

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