मनोचिकित्सा विभाग (KGMU) में CME का आयोजन, Autism को हराने का लिया संकल्प

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कलाम सेंटर में गुरुवार को मनोचिकित्सा विभाग द्वारा ऑटिज्म पर एक सीएमई का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत प्रो. डॉ. विवेक अग्रवाल (विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा विभाग, केजीएमयू) के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुई। बता दें कि सीएमई में मनोचिकित्सक, बाल रोग विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक आदि सहित लगभग 200 प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

डॉ. विवेक अग्रवाल ने ऑटिज्म के शुरूआती लक्षणों पर डाला प्रकाश
सीएमई में डॉ. विवेक अग्रवाल ने एएसडी में शुरुआती पहचान और हस्तक्षेप के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऑटिज्म के बढ़ते मामलों में कई कारक शामिल हैं और ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए सेवा को मजबूत करना जरूरी है।
डॉ. प्रतिभा कारथ ने मुख्य वक्ता के रूप में की शिरकत
बैंगलोर में द कॉम डेल ट्रस्ट के संस्थापक-निर्देशक डॉ. प्रतिभा कारंथ ने दो व्यावहारिक सत्र दिए। उनका पहला सत्र, ‘ऑटिज्म क्लिनिक नट और बोल्ट’ पर आधारित रहा जिसमें उन्होंने ऑटिज्म क्लीनिक स्थापित करने और चलाने के मूलभूत पहलुओं पर प्रकाश डाला।
वहीं, दूसरे सत्र में डॉ. प्रतिभा ने ‘ऑटिज्म के प्रबंधन में हालिया प्रगति और प्रौद्योगिकी का उपयोग’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने नवीन नैदानिक उपकरणों से लेकर अत्याधुनिक चिकित्सीय तकनीकों तक के बारे में बताया। डॉ. कारंथ ने एक अभिनव मोबाइल एप्लिकेशन साझा किया जिसे उनके संगठन द्वारा विकसित किया गया है और इसके उपयोग का एक संक्षिप्त प्रदर्शन दिया।

अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा केजीएमयू : डॉ. अमित आर्या
डॉ. अमित आर्या (प्रो. मनोचिकित्सा विभाग, केजीएमयू) ने सीएमई के ‘की पॉइंट्स’ पर चर्चा करते हुए बताया कि आज का आयोजन ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकारों से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के हमारे सामूहिक प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन की सफलता ने न केवल उपस्थित लोगों पर तत्काल प्रभाव को उजागर किया, बल्कि ऑटिज्म देखभाल और समर्थन को बढ़ाने के उद्देश्य से भविष्य की पहल के लिए मंच तैयार किया।
केजीएमयू में मनोचिकित्सा विभाग ने ऑटिज्म जागरुकता को बढ़ावा देने और एएसडी वाले व्यक्तियों के लिए अधिक सुलभ उपचार विकल्प विकसित करने के अपने प्रयासों को जारी रखने की योजना बनाई है।