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क्या है फार्मासिस्ट और क्यों कहलाता है चिकित्सा क्षेत्र की रीढ़?, जानिए हर सवाल का जवाब

लखनऊ (अभिषेक पाण्डेय)। फार्मासिस्ट क्या है? ये सवाल सुनने में जितना छोटा है, इसका जवाब ढूढ़ने में उतनी ही मेहनत लगी है। इस सवाल का जवाब तलाशना जरूरी ही था। दरअसल, स्वास्थ्य सेवाओं की ‘रीढ़’ कहे जाने वाले फार्मासिस्टों के लिए हर साल आने वाला 25 सितंबर बेहद ही खास होता है, क्‍योंकि इस दिन मनाया जाता है- ‘विश्व फार्मासिस्ट दिवस।’ इसी दिन पूरी दुनिया में फार्मासिस्‍ट्स का सम्मान भी होता है और उनके विशिष्ट कार्यों के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है।

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आखिर फार्मासिस्ट क्या है? स्वास्थ्य सेवाओं में इनका क्या योगदान है? क्या सिर्फ फार्मासिस्ट के सम्मान के लिए एक दिन काफी है? ये सवाल लेकर ब्यूरो चीफ अभिषेक पाण्डेय पहुंचे फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्‍तर प्रदेश के अध्यक्ष और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल में चीफ फार्मासिस्ट पद पर अपनी सेवाएं दे रहे सुनील यादव के पास। पढ़िए इस बातचीत के विशेष अंश…

सवाल: फार्मासिस्ट क्या है?

जवाब: सामान्य शब्दों में कहा जाए तो फार्मासिस्ट एक वैज्ञानिक है। कैसे, ये भी बता दें कि फार्मासिस्ट दवाओं के रिसर्च से लेकर उसके निर्माण और वितरण तक वैज्ञानिक विधियों से अपना कार्य संपन्न करता है। औषधि का पूरा ज्ञान फार्मासिस्ट को होता है। ADME यानी अवशोषण, वितरण, चयापचय और उत्सर्जन के बारे में जानने और इसी की पढ़ाई करने वाले व्यक्ति को फार्मासिस्ट कहा जाता है। ये यहीं तक ही सीमित नहीं है, दवा का शरीर पर क्या असर है, यह भी जानने और समझने का कार्य फार्मासिस्ट का ही है। यानी मरीज को औषधियों से जुड़ीं जानकारी मुहैया कराना, मरीज को आवश्यकता अनुसार प्राथमिक उपचार प्रदान करना, औषधि का प्रयोग करना और करवाना, ये है फार्मासिस्ट की भूमिका।

सवाल: स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ है फार्मासिस्ट? कैसे

जवाब: बहुआयामी है चिकित्सा क्षेत्र। इस क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण बिंदु हैं। रोग को पहचानना, रोग का इलाज करना, मरीज की देखभाल करना। इसके अलावा, रोग को न होने देना भी एक जरूरी बिंदु है। इन चारों में फार्मासिस्ट का योगदान रहता है। उदाहरण के लिए, मरीजों और तीमारदारों की काउंसिलिंग, वैस्कीन की रिसर्च से लेकर वैक्सीन लगाने तक। दवा की खोज से लेकर दवा का मोड्यूल तैयार करना, दवा का अध्ययन करना, बनाना, भंडारण करना और वितरण करना, दवा को कैसे खाना है ये मरीज को बताना आदि, यह सब फार्मासिस्ट का कार्य है। यही कारण है कि चिकित्सा क्षेत्र में फार्मासिस्ट रीढ़ है।

सवाल: मरीज को फार्मासिस्ट की जरूरत क्यों पड़ती है?

जवाब: मरीज डॉक्टर द्वारा दिए गए प्रिस्क्रिप्शन को लेकर सबसे पहले फार्मासिस्ट के पास ही पहुंचता है। इसको डिस्पेंसिंग कहा जाता है। इसमें प्रिस्क्रिप्शन को समझा जाता है। मरीज को प्रिस्क्रिप्शन के बारे में समझाना। मरीज को ये बताना कि दवाओं का भंडारण कैसे करना है। ये सब समझाने का कार्य फार्मासिस्ट का होता है। यही वजह है कि मरीज को फार्मासिस्ट के पास जाकर डिस्पेंसिंग कराना जरूरी होता है।

सवाल: फैमिली फार्मासिस्ट क्यों जरूरी?

जवाब: हमारी तरफ से ये एक सलाह दी गई थी। अगर मरीज के रोग और औषधियों के बारे में फार्मासिस्ट जनता होगा तो वो बेहतर दवा उपलब्ध करा सकता है। ठीक उसी तरह, जैसे फैमिली डॉक्टर अनिवार्य है वैसे ही फैमिली फार्मासिस्ट भी जरूरी है। आपको कौन सी दवा का रिएक्शन होता है, ये आपके फैमिली फार्मासिस्ट को ही पता होगा। आपके रोगों के बारे में फैमिली फार्मासिस्ट को पहले से पता होगा। कौन-कौन सी दवा आप पहले से खा रहे हो, फैमिली फार्मासिस्ट को पता होगा। ड्रग टू ड्रग इन्ट्रेक्शन का कार्य फैमिली फार्मासिस्ट आसानी से कर लेगा और ये आपके लिए फायदेमंद है। चूंकि, फार्मासिस्ट एक बेहतर काउंसेलर होता है, मरीज के अच्छे स्वास्थ्य के प्रति फार्मासिस्ट हमेशा संवेदनशील रहता है। फैमिली फार्मासिस्ट उचित सलाह देता है और प्राथमिक उपचार के लिए फैमिली फार्मासिस्ट से बढ़िया आप्शन कुछ नहीं।

सवाल: इस साल फार्मासिस्ट दिवस किन मायनों में महत्वपूर्ण है?

जवाब: वैश्विक स्तर पर विविध तरीकों से हर दिन फार्मेसी, सेवा स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा कर रही है। इसलिए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मेसिस्ट द्वारा इस वर्ष का विषय ‘फार्मासिस्ट: वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करना’ निर्धारित किया गया है। फार्मासिस्टों के लिए ये केवल जश्न मनाने का दिन नहीं है, बल्कि दुनिया भर में बेहतर स्वास्थ्य के लिए किए गए योगदान को बताने का एक माध्यम है। यह वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार हेतु फार्मासिस्ट की क्षमता को उजागर करने का भी एक अवसर है।

फार्मासिस्ट की उपयोगिता को सिद्ध करने का प्रयास जारी है। अलग-अलग देशों में चिकित्सा क्षेत्र में फार्मासिस्ट की क्या भूमिका है, इसको दर्शाने का प्रयास किया जाएगा। उदाहरण के लिए, यूपी में कई सीएचसी एवं पीएचसी हैं, जो फार्मासिस्ट के कन्धों पर है। यूएस में प्राइमरी केयर क्लिनिक में फार्मासिस्ट की महतवपूर्ण भूमिका है। फार्मासिस्ट की योग्यताओं को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हमारे द्वारा किया जाएगा।

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