डायलिसिस (Dialysis) किडनी की गंभीर बीमारी में किया जाने वाला एक इलाज है। इसकी जरूरत उन लोगों को होती है, जिनकी किडनी (Kidney) काम करना बंद कर देती है या फेल हो जाती है। हरियाणा में सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Haryana CM Nayab Singh Saini) ने अपना पहला चुनावी वादा पूरा किया है। सरकार ने ऐलान किया है कि क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) के शिकार रोगियों को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा दी जाएगी।
अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि मैंने कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहली फाइल पर हस्ताक्षर किए, जो किडनी रोगियों से संबंधित फैसले के बारे में थी। हमने चुनावों में भी यह वादा किया था। डायलिसिस का खर्च लगभग 20,000 से 25,000 रुपये प्रतिमाह का आता है। अब हरियाणा सरकार इसका खर्च उठाएगी। सरकार के इस फैसले से राज्य में किडनी रोगियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
डायलिसिस के बारे में जानिए (About Diabetes)
डायलिसिस किडनी की गंभीर बीमारी में किया जाने वाला एक इलाज है। इसकी जरूरत उन लोगों को होती है, जिनकी किडनी काम करना बंद कर देती है या फेल हो जाती है। जिन लोगों को किडनी फेलियर की समस्या होती है, उनकी किडनी रक्त को फिल्टर नहीं कर पाती है। रक्त के फिल्टर न हो पाने से खून में अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ने लगती है जिसके कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ऐसे लोगों को डायलिसिस की जरूरत होती है।
डायलिसिस की प्रक्रिया शरीर में उसी तरह से काम करती है जैसे आपकी किडनी। किडनी में दिक्कतों के कारण मशीनों के माध्यम से रक्त से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने की जरूरत होती है, यही डायलिसिस है। कुछ लोगों को बिना किसी ज्ञात कारण के किडनी की समस्याएं हो जाती हैं। हमारी किडनी रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। किडनी फेलियर वाले लोगों में डायलिसिस के माध्यम से ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। किन्हें डायलिसिस की जरूरत है ये डॉक्टर निर्धारित करते हैं।
डायलिसिस से क्या होता है? (What is Diabetes?)
किडनी के ठीक से काम न करने की स्थिति में आपके शरीर में रसायनों को संतुलित रखने के लिए डायलिसिस किया जाता है।
डायलिसिस आपके शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने में सहायक है ताकि वे शरीर में जमा न हो सकें।
खून में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम और बाइकार्बोनेट जैसे खनिजों का स्तर ठीक बनाए रखने में भी इससे मदद मिलती है।
डायलिसिस के माध्यम से किडनी फेलियर वाले रोगियों में ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखने की कोशिश की जाती है।
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किडनी रोगियों पर कम होगा आर्थिक बोझ
स्वास्थ्य विशेषज्ञ (Health Expert) कहते हैं, किडनी फेलियर की स्थिति में डायलिसिस आपके रक्त से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को साफ करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी उपचार विकल्प है। हालांकि, डायलिसिस उपचार बहुत महंगे हैं। क्रोनिक किडनी की बीमारी के शिकार लोगों को हर सप्ताह में दो-तीन बार डायलिसिस की जरूरत हो सकती है। हरियाणा सरकार के इस निर्णय से किडनी रोगियों पर पड़ने वाले अतिरिक्त आर्थिक बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है।