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बूढों की इस बीमारी का अब तक नहीं है कोई इलाज, आज से ही शुरू कर दीजिए बचाव के उपाय

Alzheimer Disease: दुनियाभर में तेजी से अल्जामर रोग का जोखिम बढ़ता जा रहा है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सावधान करते हैं। दरअसल, उम्र के साथ कई प्रकार की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जाता है। 50 की उम्र के बाद मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होने लग जाती हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और मस्तिष्क से संबंधित विकार भी बढ़ जाते हैं। रिपोर्ट्स बताते हैं कि 55 से अधिक उम्र के लोगों में समय के साथ अल्जाइमर रोग और इसके कारण होने वाली जटिलताओं का जोखिम 42 फीसदी तक बढ़ जाता है। अल्जाइमर रोग के कारण समय के साथ आपकी याददाश्त, सोचने-सीखने और समझने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। इस रोग पर अगर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण आपको डिमेंशिया भी हो सकता है। चूंकि अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है, इसलिए जरूरी है कि आप कम उम्र से ही बचाव के कुछ उपाय जरूर करते रहें।

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आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 70 लाख लोग अल्जाइमर रोग से पीड़ित हैं। उनमें से 70% से अधिक 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के हैं। अल्जाइमर रोग के शुरुआती लक्षणों में आपको हाल-फिलहाल की हुई घटनाएं और बातचीत भी याद नहीं रहती हैं। समय के साथ, ये रोग गंभीर रूप से याददाश्त की कमी और रोजमर्रा के काम करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।

अल्जाइमर रोग की क्या पहचान है? | Alzheimer Disease

अल्जाइमर रोग की शुरुआत धीरे-धीरे होती है और समय के साथ इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। प्रारंभिक स्थिति में इसके कारण छोटी-छोटी बातें भूल जाने, नाम और स्थान याद न रहने,  निर्णय लेने में कठिनाई होने, बातचीत में दिक्कत होने, चिड़चिड़ापन और अवसाद की समस्या हो सकती है। शोध के अनुसार, अल्जाइमर होने के कई कारण हो सकते हैं। बीटा-अमाइलॉइड प्लाक नामक प्रोटीन के असामान्य जमाव से न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त होते हैं इसके कारण आपको मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं होने लग जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अल्जाइमर किसी को भी हो सकता है इसलिए कम उम्र से ही बचाव के लिए प्रयास करने चाहिए।

लाइफस्टाइल और आहार को रखें ठीक | Alzheimer Disease

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है। हालांकि लाइफस्टाइल और दिनचर्या में सुधार करके आप भविष्य में इसके जोखिमों को कम कर सकते हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक अध्ययन के अनुसार, नियमित व्यायाम और योग-मेडिटेशन जैसी मानसिक गतिविधियां अल्जाइमर के जोखिम को 30% तक कम कर सकती हैं। इसी तरह जामा न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार विटामिन-डी की कमी और अल्जाइमर के बीच गहरा संबंध पाया गया है। यानि कि स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करके आप अल्जाइमर रोग के खतरे को कम कर सकते हैं।

बचाव के लिए क्या उपाय करें? | Alzheimer Disease

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञ कहते हैं, वैसे तो अल्जाइमर रोग से बचाव के लिए कोई पुख्ता तरीका नहीं है हालांकि आप कुछ उपायों का ध्यान रखकर इस रोग से बचाव कर सकते हैं।

  • स्वस्थ आहार लें: हरी सब्जियां, फल, नट्स, ऑलिव ऑयल और मछली का सेवन करें।
  • नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट तक पैदल चलें, योग और ध्यान करें।
  • पर्याप्त नींद लें: रोज 7-8 घंटे की गहरी नींद मस्तिष्क के लिए जरूरी है। नींद की कमी से अल्जाइमर रोग होने का खतरा रहता है।
  • सामाजिक रूप से सक्रिय रहें: दोस्तों और परिवार के साथ समय अधिक समय बिताएं और अपनी पसंदीदा चीजें करें।
  • ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल करें: उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को कंट्रोल रखना भी आपके लिए जरूरी है।
  • विटामिन डी और बी12 मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आहार में इन पोषक तत्वों की मात्रा सुनिश्चित करें।

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