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संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए एक से 30 अप्रैल तक चलेगा अभियान, बैठक में दिए गए जरूरी दिशा-निर्देश

लखनऊ: लखनऊ कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विशाख जी. ने गर्मी के मौसम के दौरान होने वाले संक्रमण या संचारी रोगों की रोकथाम के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इसमें स्मार्ट सिटी के जरिए नगर निगम के जोनवार हीटमैप जनरेट किया गया है, जिसमें गत वर्ष किस जोन में कहां-कहां पर कितने डेंगू के केस रिपोर्ट किए गए, इसकी जानकारी भी है। डीएम ने नगर निगम को निर्देशित किया कि हीटमैप के अनुसार हर जोन में पड़ने वाले तालाबों, जलाशयों, पोखरों, जल जमाव वाले क्षेत्रों की मैपिंग करते हुए वहां पर ड्रोन से एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाए। स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम प्रतिदिन स्मार्ट सिटी को किए गए कार्यों की रिपोर्टिंग करें, जिसकी 15 दिन पर समीक्षा की जाएगी।

जिलाधिकारी ने बताया कि जहां पर विगत वर्षों में ज्यादा केस रिपोर्ट हुए है, वहां दिन के समय सोर्स रिडक्शन छिड़काव और शाम के समय एंटी लार्वा छिड़काव व फागिंग कराने के लिए रोस्टरवार ड्यूटी लगाना सुनिश्चित किया जाए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि फॉगिंग, एंटी लार्वा छिड़काव, सोर्स रिडक्शन छिड़काव के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। इस काम के लिए माइक्रोप्लान बनाते हुए कार्यवाही की जा रही है।

डीपीआरओ को दिए ये निर्देश

इसके बाद डीएम विशाख जी. ने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी लोगों के संचारी रोगों से बीमार होने की सूचना मिलती है तो MOIC, खंड विकास अधिकारी और उप जिलाधिकारी द्वारा मौके पर जाकर जायजा लेते हुए जरूरी मूलभूत प्रबंध जैसे- रोगियों को दवा उपलब्ध कराना, ग्राम में मेडिकल कैंप लगवाकर लोगों का स्वास्थ्य का परीक्षण कराना, साफ-सफाई आदि सुनिश्चित कराने के कार्य किया जाए। बैठक में उन्‍होंने डीपीआरओ को निर्देश दिए कि जहां पर जलजमाव की संभावना है, वहां पर साफ-सफाई करवाएं। पंचायत सचिवों और सहायकों का संवेदीकरण कराना सुनिश्चित करें। खाली प्लाट जलजमाव एवं गंदगी का सबसे बड़ा स्त्रोत है, वहां की साफ-सफाई सुनिश्चित करें।

संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए एक से 30 अप्रैल तक चलेगा अभियान, बैठक में दिए गए जरूरी दिशा-निर्देश

बैठक में लखनऊ डीएम ने हीटवेव से बचाव के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्‍होंने नगर निगम को निर्देश दिए कि विभिन्न प्वाइंट्स पर पेयजल की व्यवस्था और ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इस संबंध में अपर नगर आयुक्त ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर निगम के सभी वार्डो में कुल 116 प्वाइंट्स बनाए जा रहे है, जिसमें टेंट में कूलर, पेयजल और गुड़ की व्यवस्था होती है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी प्वाइंट्स की मैपिंग गूगल मैप पे करते हुए इनकी लोकेशन का वृहद प्रचार-प्रसार कराया जाए। साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों में साफ-सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।

पशुओं को गर्मी से बचाने के निर्देश 

बैठक में नगर निगम एवं पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए गौशाला में शेड लगाने व उनके लिए पेय जल की व्यवस्था के निर्देश दिए। साथ ही बस अड्डों पर बैठने और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि शहर के बड़े चौराहे, ट्रैफिक सिग्नल जहां पर भीड़ ज्यादा  होती है, वहां पर दो पहिया वाहन सवारी के लिए छाया के लिए ग्रीन मैट्स और पेयजल की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए।डीएम ने निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, आदि चेक करवा लें। समय से पहले सभी काम पूरे किए जाएं। अस्पतालों में ओपीडी में, सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल और पखों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

इस बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी.सिंह ने बताया कि 10 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा। इसके तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार, इंफ़्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों और कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण ई-कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी। इसके साथ ही क्षेत्रवार घरों की सूची जहां मच्छरों का प्रजनन पाया गया है, इसका विवरण निर्धारित प्रपत्र पर भरकर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएंगी। स्वास्थ्य कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के अनुसार कार्यक्षेत्र में आने वाले परिवारों के सभी सदस्यों का आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) सृजन भी अवश्य रूप से करेंगे और वह परिवार को आभा  नंबर की उपयोगिता से अवगत कराएंगे।

इन अधिकारियों की रही मौजूदगी

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी विजय कुमार, संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. गोपीलाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सभी सहयोगी विभागों के प्रतिनिधि, अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, सभी सीएचसी के अधीक्षक , विश्व  स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ़, पाथ,सीएचआरआई और फैमिली हेल्थ इंडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए एक से 30 अप्रैल तक चलेगा अभियान, बैठक में दिए गए जरूरी दिशा-निर्देश

संचारी रोगों से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें

मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के उपाय

वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखें, घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दें।

अनावश्यक कन्टेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें, तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें।

प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी बदलें, कूलर आदि में ज्यादा दिनों तक पानी जमा न होने दें।

बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदलें।

स्वयं बचाव के उपाय

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह पर दवा का उपयोग करें।

क्या न करें?

घर में या घर के आस पास कूलर, बाल्टी, बैरल, फूलदान, बर्ड बाथ, फ्रीज, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें।

टूटे बर्तन, अनुपयोगी बोतल, टिन, पुराने टायर, और कबाड़ को घर मे न जमा होने दें और न ही घर के पास उन्हें फेंकें। उक्त चीजों का उचित निस्तारण सुनिश्चित कराएं, जिससे उसमें मच्छरों की ब्रीडिंग न हो पाए।

बुखार होने पर स्वंय से दवा न करें, चिकित्सक के परामर्श के बाद ही दवा का उपयोग करें।

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