गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है या गर्म? कब और किसे करना चाहिए इसका सेवन?

एस्ट्रागैलस नामक पौधे से एक चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिसे कहते हैं- गोंद कतीरा। यह सफेद और पीले रंग का होता है। गोंद कतीरे को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। गोंद कतीरा का सेवन लोग खूब करते हैं। खासकर गर्मियों के मौसम में इसका जमकर इस्तेमाल किया जाता है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि गोंद कतीरा की तासीर क्या है और किन लोगों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए?
गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसे गर्मी के दिनों में खाने की सलाह दी जाती है। इसमें कोई स्वाद नहीं होता है, लेकिन इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को लाभ पहुंचाते हैं। इसके सेवन से शरीर में ताकत बनी रहती है। गोंद कतीरा का प्रयोग विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।

किन लोगों को खाना चाहिए गोंद कतीरा?
पीरियड्स के दर्द में– आयुर्वेद के अनुसार गोंद कतीरा मासिक धर्म को नियमित करता है और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है।
शरीर को रखता है हाइड्रेटेड- गोंद कतीरा शरीर को हाइड्रेट रखता है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और शरीर का तापमान संतुलित रखता है। गर्मियों में गोंद कतीरा का सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है और लू से बचाव होता है। यह त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है, सूखापन कम करता है और मुंहासे की रोकथाम में मदद करता है।
कब्ज की समस्या से छुटकारा- कब्ज़ से परेशान लोगों को रोजाना गोंद कतीरा का सेवन करना चाहिए। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है।
बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता- गोंद कतीरा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे सर्दी और जुकाम जैसे वायरल संक्रमणों से बचने में मदद मिलती है।
कम होता है वजन- गोंद कतीरा में फ़ाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो भूख कम करने और वज़न घटाने में मदद करता है।
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गोंद कतीरे का सेवन करने का तरीका
गोंद कतीरे को नींबू के रस या फिर ठंडे पानी में मिलाकर पिएं। गोंद कतीरे का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है। गोंद कतीरे को शिंकजी के साथ लिया जा सकता है। गोंद कतीरे को दही के साथ खाया जा सकता है।