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इस मौसम में टीबी रोगियों का रखें विशेष ख़याल: डॉ.  सूर्यकान्त

KGMU Lucknow News: गर्मी और लू का प्रकोप शुरू हो गया है और मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जून तक जारी रहेगा। ऐसे में टीबी रोगियों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि लू का फेफड़ों की टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) से पीड़ित लोगों पर कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव हो सकते हैं। अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) की समस्या हो सकती है जो कि टीबी रोगियों में खांसी को बढ़ा सकता है और बलगम को गाढ़ा कर सकता है, इससे टीबी रोगियों के लिए फेफड़ों को साफ करना मुश्किल हो जाता है और खांसी में खून आने का ख़तरा भी बढ़ जाता है। इसके साथ ही गर्मी से होने वाला तनाव सांस की तकलीफ और थकान को और अधिक बढ़ा सकता है।

नार्थ जोन टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन डॉ. सूर्यकान्त बताते हैं कि लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे शरीर के लिए टीबी के बैक्टीरिया से लड़ना मुश्किल हो जाता है। पहले से कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों जैसे कुपोषण,  डायबिटीज तथा धूम्रपान करने वाले रोगियों में रोग तेजी से बढ़ सकता है। डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि हीट वेव के दौरान ट्रांसपोर्ट रुकने, थकान या स्वास्थ्य जोखिम के कारण टीबी क्लिनिक तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है, जिससे इलाज में अनियमितता आ सकती है। गर्मी में वायु प्रदूषण और एलर्जन बढ़ सकते हैं, जिससे फेफड़ों में सूजन बढ़ती है और अन्य सांस की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

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दवाओं को ठीक से स्टोर करना जरूरी | KGMU Lucknow News

टीबी एसोशिएसन ऑफ इंडिया की सेंट्रल एवं एग्जीक्यूटिव कमेटी के राष्ट्रीय सदस्य डॉ. सूर्यकान्त बताते हैं कि टीबी की दवाएं नियमित रूप से लेनी होती हैं लेकिन अत्यधिक गर्मी में टीबी रोधी दवाओं के सेवन से कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे उल्टियां व पेट में जलन होना, भूख कम हो जाना आदि। गर्मी  के मौसम में टीबी रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों को दवाओं को ठीक से स्टोर करना चाहिए। गर्मी में दवाओं के सेवन के साइड इफेक्ट्स भी एक बड़ी चुनौती हैं। गर्मी से लोगों में तनाव,  मानसिक थकान, चिंता और अवसाद को बढ़ा सकता है, जिससे मरीजों के लिए नियमित रूप से इलाज जारी रखना कठिन हो सकता है।

बचाव के लिए करें यह उपाय | KGMU Lucknow News

टीबी रोगी यदि कहीं बाहर जाएँ तो साथ में किसी को लेकर जाएँ। सिर को गीले कपड़े से ढंके, छाता और धूप का चश्मा लगायें और पानी की बोतल अवश्य साथ में रखें। सूती, हलके रंग के और पूरी बांह के कपड़े पहने। पीने के पानी की बोतल साथ में अवश्य रखें। दोपहर में 12 से तीन के बीच निकलने से बचें। अत्यधिक धूप/गर्मी में काम न करें।  हाईड्रेशन के लिए शराब, एनर्जी और शुगरी ड्रिंक,चाय कॉफ़ी,कार्बोनेटेड ड्रिंक के सेवन से बचें।

भोजन में करें यह शामिल | KGMU Lucknow News

शरीर में निर्जलीकरण न हो इसलिए इस मौसम में पेय पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। खूब पानी पीयें। ऐसे फल जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा आदि का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। नीम्बू पानी, छांछ, आम पना लस्सी आदि का सेवन करें। यदि कुपोषित हैं तो पोषण का विशेष ध्यान रखें। संतुलित एवं पौष्टिक भोजन का सेवन करें। डायबिटीज से ग्रसित हैं तो इसे नियंत्रित रखें। 

पोषण के लिए मिलता है भत्ता | KGMU Lucknow News

निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगियों को पोषण के लिए 1000 रूपये की धनराशि उनके खाते में भेजी जाती है। टीबी रोगी इस धनराशि का उपयोग पौष्टिक भोजन के सेवन में ही करें।

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