इस गंदी आदत से बढ़ता है Ovarian Cancer का खतरा, Expert से जानें बचाव का तरीका

ओवरी यानी अंडाशय (Ovaries) महिलाओं के शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसका स्वस्थ रहना महिलाओं के लिए बहुत अहम है, क्योंकि इससे उनकी प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इन दिनों महिलाओं में ओवरी कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है। ओवरी कैंसर कई कारकों से प्रभावित होता है, जिनमें उम्र, पारिवारिक इतिहास, जेनेटिक परिवर्तन और जीवनशैली शामिल हैं।
इन सबके अलावा अगर कोई महिला बहुत ज्यादा धूम्रपान करती है तो यह भी एक बहुत बड़ी वजह है। धूम्रपान और अन्य जहरीले तत्वों (टॉक्सिक एलिमेंट्स) के संपर्क में आना ओवरी के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे बांझपन, ओवरियन कैंसर और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट से जानेंगे कि धूम्रपान करने से ओवरी की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है और बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

धूम्रपान से है सीधा संबंध
धूम्रपान से ओवरी की सेहत पर सीधा दुष्प्रभाव पड़ता है। सिगरेट में पाए जाने वाले जहरीले तत्व ओवरियन सेल्स (अंडाशय की कोशिकाओं) को नुकसान पहुंचाकर उनके कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में बांझपन और ओवरियन कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, धूम्रपान से ओवरी की ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिकाओं) को भी नुकसान पहुंचता है, जिससे ओवरियन सेल्स को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो सकती है।
विषाक्त पदार्थ भी खतरनाक
विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिंस के संपर्क में आना भी ओवरी की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। विषाक्त पदार्थ जैसे पेस्टिसाइड्स, हेवी मेटल और इंडस्ट्रियल केमिकल ओवरियन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से इन सेल्स में जेनेटिक बदलाव हो सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव से होते हैं कई लाभ
धूम्रपान छोड़ने और विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से बचने से ओवरी के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इससे न केवल बांझपन और ओवरियन कैंसर का खतरा कम होता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। साथ ही हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी का खतरा भी कम होता है।
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बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
धूम्रपान छोड़ने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी को अपनाया जा सकता है। इसमें निकोटीन के विकल्प के माध्यम से धूम्रपान की इच्छा को कम किया जाता है।
इसके अलावा दवाओं और उचित कंसल्टेशन से भी धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलती है।
दूसरी ओर, विषाक्त पदार्थों से बचने के लिए काम के स्थान पर सुरक्षित प्रक्रियाओं का पालन करने, व्यक्तिगत सुरक्षा के जरूरी टूल्स का इस्तेमाल करने और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।