Heatwave: कहीं बिगाड़ न दे नौतपा आपकी सेहत? स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए जरूरी टिप्स

Precautions for Heat Stroke: देश के ज्यादातर राज्य इन दिनों भीषण गर्मी और लू का प्रकोप झेल रहे हैं। उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में तापमान 40 के करीब बना हुआ है। ये नौतपा का भी समय चल रहा है। नौतपा एक भारतीय अवधारणा है, जो सूर्य के सबसे अधिक प्रभाव वाले समय को बताता है। नौतपा का अर्थ है नौ दिन की तपन। इसमें तेज धूप होती है जिससे तापमान 45°C से ऊपर भी पहुंच सकता है। तेज धूप और भीषण गर्मी का ये समय सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जून के महीने में लू लगने के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भीषण गर्मी-लू से बचे रहने के लिए सभी लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए। बच्चों-बुजुर्गों के लिए बढ़ता तापमान और भी समस्याकारक हो सकता है।
नौतपा और बढ़ती गर्मी सेहत के लिए नुकसानदायक | Precautions for Heat Stroke
- नौतपा और बढ़ती गर्मी को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता रहा है।
- इन दिनों में हीट स्ट्रोक (लू लगने) के मामले अधिक देखे जाते हैं। इसमें अत्यधिक पसीना आने, चक्कर आने, बेहोशी, सिरदर्द जैसी दिक्कतें होती हैं।
- गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) का भी खतरा बढ़ जाता है। गर्मी की प्रतिक्रिया में शरीर से बहुत अधिक पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाते हैं।
- अधिक तापमान कई प्रकार के त्वचा संबंधित समस्याओं को भी बढ़ाने वाला हो सकता है। इससे सनबर्न, घमौरी, रैशेज हो सकते हैं।
- अत्यधिक गर्मी मानसिक थकावट और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं को भी बढ़ाने वाला माना जाता है।

लू से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह | Precautions for Heat Stroke
बढ़ती गर्मी और हीट स्ट्रोक के जोखिमों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को लू से बचे रहने के लिए कुछ जरूरी टिप्स साझा किए हैं। जिसका पालन करते रहना बहुत जरूरी है।
- घर के अंदर तथा छायादार स्थानों पर रहें।
- अगर काम के लिए बाहर जाना आवश्यक हो तो कोशिश करें सुबह या शाम के समय ही जाएं।
- आरामदायक, सूती और हल्के रंग पतले और ढीले कपड़े पहनें।
- बाहर जाते समय छाता/ टोपी/ तौलिया सिर पर रखकर जाएं।
- अधिक पानी वाले मौसमी फल और सब्जियां जैसे तरबूज, खीरा, संतरा आदि खाएं।
- पानी तथा नमकीन पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी और ओआरएस का घोल पिएं।
- ठंडे पानी से स्नान करें तथा कमरे का तापमान कम रखने के लिए पर्दा, पंखा आदि का उपयोग करें।
- लू लगने की स्थिति में ठंडा वातावरण, ठंडे पानी का स्पंज और कपड़े में लिपटे बर्फ लगाकर शरीर के तापमान को कम करें। जरूरतमंदों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करें।
- यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिले जिसके शरीर का तापमान अधिक है अथवा वह बेहोश या भ्रमित है या उसे पसीना आना बंद हो गया है तो तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाएं।

क्या कहते हैं डॉक्टर? | Precautions for Heat Stroke
डॉक्टर बताते हैं, अत्यधिक गर्मी शरीर के थर्मोरेगुलेटरी सिस्टम (तापमान को कंट्रोल करने वाले तंत्र) को प्रभावित करती है, जिससे लू लगने, हीट एक्सहॉश्शन, चक्कर आने और बेहोशी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लू लगने की स्थिति में शरीर का तापमान 104°F (40°C) या उससे अधिक हो जाता है। यह समस्या शरीर के तापमान नियंत्रित करने की क्षमता फेल हो जाने के कारण होती है। वैसे तो हीट स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है, पर बच्चे और बुजुर्गों में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं। बच्चों का शरीर तेजी से गर्म होता है और वे अपनी स्थिति को सही ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते वहीं बुजुर्गों के शरीर की थर्मोरेगुलेशन क्षमता कम होती है, इसके कारण 60 से अधिक उम्र वाले लोगों को भी लू लगने का जोखिम अधिक रहता है।

गर्मी से बचाव के लिए पिएं ये देसी पेय| Precautions for Heat Stroke
आहार विशेषज्ञ बताते हैं गर्मियों में आम पन्ना का सेवन करने से कई लाभ मिलते हैं। इसकी तासीर ठंडी होने के कारण लू से बचाव होता है। इसमें विटामिन ए, बी. सी. फाइबर, आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और पाचन भी दुरुस्त रहता है। इसी तरह सौंफ में भी प्राकृतिक रूप से शीतलक गुण होते हैं। इसका पानी पीने से शरीर की गर्मी को कम करने में मदद मिलती है और लू से बचाव होता है। खासकर तेज धूप में बाहर निकलने से पहले आप इस पानी का सेवन कर सकते हैं।