स्वास्थ्य और बीमारियां

लू लगने के बाद सबसे पहले क्या करना चाहिए, जानिए कैसे बच सकती है जान?

दोपहर की चिलचिलाती धूप में बाजार से लौटते वक्त तेज़ सिरदर्द, चक्कर और उलझन महसूस होती है। ऐसे लोगों को कुछ ही घंटों में उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि डॉक्टर को बुलाना पड़ता है। भारत के कई हिस्सों में गर्मियों के दौरान तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर पहुंच जाता है और ऐसे में हीट स्ट्रोक यानी लू लगना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन जाती है। अगर समय पर इलाज न हो, तो इससे जान भी जा सकती है। इसलिए, यह जानना जरूरी है कि लू लगने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए और इससे कैसे बचा जा सकता है।

लू लगने के लक्षण (Symptoms of Heat Stroke)  

तेज बुखार

चक्कर आना या बेहोशी

तेज़ सिरदर्द

त्वचा का लाल और सूखा हो जाना

मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन

सांस लेने में तकलीफ

उल्टी या मिचली

लू लगने के बाद तुरंत क्या करें? (What to do immediately after heatstroke?)

सिंथेटिक कपड़े हटा कर ढीले और सूती कपड़े पहनाएं

पंखा चलाएं या ठंडी हवा का इंतज़ाम करें

बर्फ की पट्टियां सिर या गर्दन में रखें

ठंडा पानी धीरे-धीरे पिलाएं

बेहोशी की हालत में तुरंत डॉक्टर को बुलाएं।

लू से कैसे बचें? (How to avoid heat wave?)

लोगों को दोपहर के वक्त 12 वजह से 3 वजह तक नहीं निकलना चाहिए।

घर से बाहर जाते समय सिर ढकें, छाता या टोपी का इस्तेमाल करें।

ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहनें।

पानी, नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी जैसे पेय खूब पिएं।

बार-बार चेहरे और शरीर पर पानी के छींटे मारें।

बच्चों और बुजुर्गों को खास सावधानी की जरूरत होती है।

गर्मियों की तपिश जितनी सामान्य लगती है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है।

लू लगने की स्थिति में घबराने की नहीं, बल्कि फुर्ती से सही कदम उठाने की ज़रूरत होती है।

थोड़ा सा ध्यान, सही समय पर मदद और शरीर की जरूरतों को समझना ही आपकी और आपके अपनों की जान बचा सकता है।

गर्मियों में अपना खास ख्याल रखना बेहद जरूरी, खासकर बुजुर्गों और छोटे बच्चों को गर्मी के वक्त बाहर न निकलने दें, क्योंकि इन लोगों को इसका ज्यादा खतरा होता है और संभालने से भी नहीं संभल पाता है।

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