वेब स्टोरीजस्वास्थ्य और बीमारियां

क्‍या आपको पता है, बॉलीवुड एक्‍टर Hrithik Roshan को भी हैं दो अजीब बीमारियां?

बॉलीवुड एक्‍टर ऋतिक रोशन को दमदार बॉडी, एनर्जेटिक डांस मूव्स और हर किरदार में जान फूंक देने वाली अदाकारी के लिए जाना जाता है। वो लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि ऋतिक ने अपनी जिंदगी में दो बेहद अजीब और चुनौतीपूर्ण बीमारियों से लड़ाई लड़ी है। एक बीमारी उनके दिमाग से जुड़ी थी, जिसने उनकी फिल्मी करियर पर भी असर डाला। वहीं, दूसरी बीमारी ने उनके शरीर को प्रभावित किया और उन्हें लंबे समय तक दर्द से जूझना पड़ा था। यही नहीं, बचपन से ही वह एक ऐसी कमजोरी से लड़ते आए हैं, जो उन्हें बार-बार कमजोर बना सकती थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

ऋतिक रोशन की ब्रेन इंजरी (Hrithik Roshan’s Brain Injury)

साल 2013 में ‘बैंग बैंग’ फिल्म की शूटिंग के दौरान ऋतिक को सिर में तेज चोट लगी थी। शुरुआत में उन्होंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ समय बाद सिरदर्द असहनीय हो गया। जब MRI कराया गया, तो डॉक्टरों ने ब्रेन में खून का थक्का बताया था, जो जानलेवा भी हो सकता था। इसके बाद ऋतिक को ब्रेन सर्जरी करानी पड़ी और कई हफ्तों तक आराम की सलाह दी गई। इस हादसे ने न सिर्फ उनके काम को प्रभावित किया, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक ताकत की भी सच्ची परीक्षा ली। लेकिन, उन्होंने न हार मानी और न ही कैमरे से दूरी बनाई।

क्‍या आपको पता है, बॉलीवुड एक्‍टर Hrithik Roshan को भी हैं दो अजीब बीमारियां?

ऋतिक को स्कोलियोसिस (Hrithik Roshan has Scoliosis)

जब ऋतिक 21 साल के थे, तो उन्हें पता चला कि उन्हें स्कोलियोसिस नामक रीढ़ की हड्डी की बीमारी है। इसमें रीढ़ की हड्डी एक तरफ मुड़ने लगती है, जिससे लगातार दर्द और थकान बनी रहती है। डॉक्टर्स ने साफ कह दिया था कि वह एक्शन सीन या डांस कभी नहीं कर पाएंगे। मगर, ऋतिक ने डॉक्टरों की सलाह को चुनौती मान लिया। उन्होंने व्यायाम, फिजियोथेरेपी और संतुलित जीवनशैली की मदद से न सिर्फ स्कोलियोसिस को कंट्रोल किया, बल्कि बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन डांसर भी बने।

यह भी पढ़ें: गंभीर होती है रीढ़ की हड्डी वाली बीमारी Scoliosis, जानिए लक्षण और दर्द से बचाव के उपाय

हकलाने की बीमारी (Hrithik Roshan Stuttering Disease)

कम ही लोग जानते हैं कि ऋतिक रोशन को बचपन से ही हकलाने की समस्या थी। स्कूल में बच्चे उनका मजाक उड़ाते थे और वह सार्वजनिक रूप से बोलने से डरते थे। उन्होंने सालों तक स्पीच थैरेपी ली, बार-बार प्रैक्टिस की और धीरे-धीरे इस कमजोरी को मात दी। आज जब वह स्टेज पर बोलते हैं, तो आत्मविश्वास झलकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button