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Thyroid: थायराइड को करना है कण्ट्रोल, जीवनशैली में करें ये तीन छोटे बदलाव

Thyroid Management Tips: थायराइड ग्रंथि एक छोटी, तितली के आकार की ग्रंथि है जो शरीर की गर्दन के निचले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि शरीर की कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है, इसे शरीर की ‘मास्टर ग्लैंड’ भी कहा जाता है। यह मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, शरीर के तापमान और लगभग हर अंग के कामकाज को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। जब थायराइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें हाइपोथायरायडिज्म (हार्मोन का कम उत्पादन) और हाइपरथायरायडिज्म (हार्मोन का अधिक उत्पादन) प्रमुख हैं।

दुनियाभर में करोड़ों लोग थायराइड संबंधी बीमारी से जूझ रहे हैं, और भारत में इसकी व्यापकता तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, दवाएं अक्सर इस स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन इसके साथ अगर आप दिनचर्या में कुछ छोटे बदलाव करते हैं तो ये आपको थायराइड की समस्या को दूर करने में काफी मदद कर सकते हैं। आइए आज हम ऐसे ही तीन महत्वपूर्ण जीवनशैली परिवर्तनों के बारे में जानते हैं, जो आपकी थायराइड सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

खास पोषक तत्व को दें महत्त्व | Thyroid Management Tips

थायराइड के सही कामकाज के लिए कुछ खास पोषक तत्व बेहद जरूरी होते हैं। अपने आहार में आयोडीन, सेलेनियम और जिंक को शामिल करना महत्वपूर्ण होता है। आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए जरूरी है (आयोडीन युक्त नमक, समुद्री भोजन), जबकि सेलेनियम थायराइड हार्मोन को सक्रिय करने में मदद करता है। जिंक भी थायराइड हार्मोन के उत्पादन में सहायक है, इसके लिए आप कद्दू के बीज, दाल और मेवे का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ संतुलित आहार लें, और इस बात ध्यान रखें कि गोइट्रोजेनिक खाद्य पदार्थ (जैसे कच्ची क्रूसिफेरस सब्जियां, पत्तागोभी, ब्रोकोली) का अत्यधिक सेवन न करें और इसे हमेशा अच्छे से पकाकर ही खाएं, नहीं तो ये थायराइड ग्रंथि के कार्य प्रणाली में बाधा डाल सकता है।

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थायराइड के मरीजों के लिए उपयोगी है शारीरिक गतिविधि | Thyroid Management Tips

नियमित शारीरिक गतिविधि न केवल समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि थायराइड के मरीजों के लिए भी यह बेहद उपयोगी है। रोज सुबह हल्का व्यायाम करें। व्यायाम चयापचय को बढ़ावा देता है, जो अक्सर हाइपोथायरायडिज्म में धीमा हो जाता है। यह वजन प्रबंधन में सहायता करता है, जो थायराइड की एक आम समस्या है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं जो मूड को बेहतर बनाते हैं, थकान भी कम करते हैं। रोजाना कम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली कसरत जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैरना अपनी दिनचर्या में शामिल करें। शुरुआत धीरे-धीरे करें और अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार इसे बढ़ाएं।

तनाव प्रबंधन और मानसिक शांति | Thyroid Management Tips

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव एक आम समस्या है, अगर किसी को पहले से थायराइड की समस्या है, तो उसे मानसिक तनाव दूर करने के लिए काम करना चाहिए। स्ट्रेस थायराइड के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। दीर्घकालिक तनाव से कोर्टिसोल का लेवल बढ़ता है, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इससे थकान, वजन बढ़ना और मूड स्विंग्स जैसे लक्षण और बिगड़ सकते हैं। तनाव को नियंत्रित करने के लिए रोजाना कुछ मिनट ध्यान, गहरी सांस लेने के व्यायाम, योग या अपने पसंदीदा शौक (जैसे संगीत सुनना, गार्डनिंग) में समय बिताएं। तनाव कम होने से थायराइड ग्रंथि बेहतर ढंग से कार्य करती है, जिससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक स्थिर महसूस करेंगे।

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ध्यान रखें | Thyroid Management Tips

थायराइड प्रबंधन में जीवनशैली में किए गए ये छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव अत्यधिक प्रभावी हो सकते हैं। तनाव को नियंत्रित करना, पोषण से भरपूर थायराइड-अनुकूल आहार लेना और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करना आपकी थायराइड ग्रंथि के स्वास्थ्य और समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, यह याद रखना बेहद जरूरी है कि जीवनशैली में ये बदलाव दवा का विकल्प नहीं हैं, बल्कि वे आपके चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं के पूरक हैं। थायराइड की दवाओं को कभी भी अपने आप बंद न करें और नियमित रूप से अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें ताकि आपकी स्थिति की निगरानी की जा सके और जरूरत पड़ने पर उपचार में बदलाव किया जा सके।

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