Migraine: छोटी-छोटी गलतियां बढ़ाती हैं बड़ी समस्या, जानिए किन वजहों से होता है माइग्रेन अटैक


Common Migraine Triggers: सिर में दर्द होना बहुत आम है। तनाव-चिंता, काम के दबाव या फिर कुछ प्रकार की प्रतिकूल परिस्थतियां सिर में दर्द का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर सिरदर्द की दिक्कत अपने आप या फिर कुछ सामान्य से उपाय करके ठीक हो जाती है। हालांकि अगर आपको बार-बार ये दिक्कत हो रही है तो सावधान हो जाने की जरूरत है। यहां ये समझना भी जरूरी है कि हर बार सिरदर्द साधारण नहीं होता है। कुछ मामलों में सिरदर्द की समस्या माइग्रेन जैसी गंभीर स्थितियों का संकेत भी हो सकता है। वहीं जिन लोगों को पहले से माइग्रेन की दिक्कत बनी हुई है उन्हें अपनी सेहत को लेकर और भी सर्तकता बरतते रहने की सलाह दी जाती है।
हर सिरदर्द माइग्रेन नहीं | Common Migraine Triggers
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आमतौर पर सिर, गर्दन या मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं या मांसपेशियों में तनाव की समस्या के कारण सिर में दर्द होता है। जबकि माइग्रेन की स्थिति इससे कुछ अलग होती है। सामान्य सिरदर्द में दर्द हल्का से मध्यम होता है और सिर के दोनों ओर महसूस होता है। वहीं माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल या साइकोसोमेटिक समस्या मानी जाती है जिसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द के साथ मितली जैसी दिक्कत भी बनी रह सकती है। माइग्रेन का दर्द कई घंटों से लेकर 2-3 दिन तक रह सकता है।
कहीं ट्रिगर न हो जाए माइग्रेन? | Common Migraine Triggers
डॉक्टर कहते हैं, माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं और नसों पर असर डालता है। लंबे समय तक इसे अनदेखा करने पर यह न्यूरोलॉजिकल समस्याओं जैसे नींद की गड़बड़ी, चक्कर, दृष्टि संबंधी समस्या और डिप्रेशन तक का कारण बन सकता है। अध्ययन बताते हैं कि गंभीर माइग्रेन वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। क्या आप जानते हैं कि कुछ स्थितियां माइग्रेन की समस्या को ट्रिगर करने वाली होती हैं? इनसे बचाव करते रहना बहुत जरूरी है।
ज्यादा तनाव लेना ठीक नहीं | Common Migraine Triggers
तनाव माइग्रेन का सबसे आम कारण है। जब हम मानसिक दबाव में होते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे दिमाग की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती और फैलती हैं। यह असंतुलन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।
नींद की कमी | Common Migraine Triggers
रात में पर्याप्त नींद न लेना भी माइग्रेन का कारण बन सकते हैं। नींद के दौरान मस्तिष्क अपनी कार्यप्रणाली को मैनेज करता है, लेकिन जब नींद पूरी नहीं होती, तो मस्तिष्क में कुछ हार्मोन्स का स्तर प्रभावित हो जाता है इससे माइग्रेन अटैक का खतरा हो सकता है।
तेज रोशनी या शोर | Common Migraine Triggers
लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन देखना, तेज रोशनी या बहुत ज्यादा आवाज के कारण भी माइग्रेन अटैक होने का जोखिम बढ़ सकता है। इस तरह की स्थितियां मस्तिष्क की नसों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाने वाली हो सकती हैं। इससे आंखों में तनाव और सिरदर्द दोनों बढ़ने लगता हैं, जिससे माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। माइग्रेन वाले लोगों में ये स्थितियां सबसे आम ट्रिगर वाली मानी जाती हैं।





