भारत में गठिया की बीमारी के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. इस डिजीज की वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है. आर्थराइटिस की वजह से अब कम उम्र के लोग भी शिकार हो रहे हैं।
यह बीमारी व्यक्ति के कूल्हों, हाथों और घुटनों को प्रभावित करती है. आर्थराइटिस की वजह से कुछ मामलों में मरीज को रुमेटॉयड आर्थराइटिस भी हो जाती है. इस डिजीज के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम ही जोड़ों पर अटैक कर देता है. इसकी वजह से शरीर पर सूजन आ जाती है।
आर्थराइटिस होने का एक बड़ा कारण बढ़ता वजन भी होता है. जिन लोगों में बीएमआई ज्यादा हो जाता है उनमें आर्थराइटिस का रिस्क अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है. ऐसे में आर्थराइटिस से बचाव के लिए वजन को कंट्रोल में रखना होता है. अगर वेट कंट्रोल में रहेगा तो काफी हद तक आर्थराइटिस से बचाव किया जा सकता है.
डॉक्टर बताते हैं कि वजन को कंट्रोल में रखने के लिए लो-इंपैक्ट व्यायाम करें. इसके लिए तैराकी या सैर कर सकते हैं, जिससे जोड़ों के पास की अधिकतर मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. वजन को कंट्रोल में रखने के लिए डाइट का रोल महत्वपूर्ण है. आपको अपनी डाइट में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स लेने चाहिए. कोशिश करें कि अधिक फैट वाले फूड का सेवन न करें. ऐसा इसलिए क्योंकि फैट वाला भोजन वजन को बढ़ा सकता है और इससे जोड़ों में दर्द बढ़ सकता है. ऐसे में खानपान का ध्यान रखना जरूरी है।
कई थेरेपी भी कारगर
फोर्टिस हॉस्पीटल, शालीमार बाग में र्थोपिडिक्स एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग में डायरेक्टर डॉ.अमित पंकज अग्रवाल बताते हैं कि आर्थराइटिस से बचाव के लिए वजन को नियंत्रण में रखना जरूरी है. इसके लिए एक्सरसाइज, खानपान को ठीक करना जरूरी है. जो लोग आर्थराइटिस का शिकार हो जाते हैं उनकोपर्सनलाइज़्ड उपचार से भी फायदा मिलता है. इनमें फिजिकल थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है.
वजन को ऐसे रखें कंट्रोल
डॉ अमित बताते हैं कि वजन को कंट्रोल न रखने गठिया के अलावा कई दूसरी बीमारियां का कारण बन सकता है. ऐसे में वजन को नियंत्रण में रखना जरूरी है. इसके लिए आपको लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना चाहिए. अपने सोने और जागने का समय निर्धारित करें. कोशिश करें कि देर रात में भोजन न करें. चीनी,नमक और मैदा का कम उपयोग करें