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बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से मानसिक स्वास्थ्य होता है खराब, क्यों होती है यह बीमारी

खाना खाने के बाद आपका पेट भर जाता है। अगर उसके बाद भी आपको भूख लग रही है तो सावधान हो जाइए. क्योंकि जरूरत से ज्यादा खाना खाना और हर समय सिर्फ खाते रहना गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. इसे बिंज ईटिंग डिसऑर्डर भी कहते हैं. ये साइकोलॉजिकल हैबिट है, जिसका इलाज समय पर करवाना बेहद जरूरी होता है. अगर आपको भी इस तरह की आदत है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. क्योंकि अगर समय पर इलाज न किया जाए तो ये कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है.

क्या होती है बिंज ईटिंग डिसऑर्डर?

वीकेंड या किसी स्पेशल मौके पर कई लोग ज्यादा खा लेते हैं. हालांकि, ये बिंज ईटिंग डिसऑर्डर में नहीं आता है. अगर ये लगातार हो रहा है तो फिर चिंता की बात है. बिंज ईटिंग डिसऑर्डर की चपेट में आने के बाद खाने पर कंट्रोल कर पाना आसान नहीं होता है. खाना खाने के कुछ देर बाद ही कुछ न कुछ खाने का मन करने लगता है.

क्या हैं बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण?

बिंज ईटिंग डिसऑर्डर वाले व्यक्ति में ओवरवेट या ओबीसिटी के सामान्य लक्षण हो सकते हैं.

  • खाने की इच्छा पर कंट्रोल न होना.
  • पेट भरा होने के बावजूद भोजन करना.
  • खाने के समय आसपास क्या हो रहा है, इसे इग्नोर करना.
  • एक तय समय यानी करीब 2 घंटे के अंदर ज्यादा भोजन करना.
  • बार-बार खाना खाना और अकेले या दूसरों से छिपाकर खाना खाना।
  • जब तक खाना खाने के बाद असहज न महसूस हो, तब तक खाते रहना।
  • बार-बार खाने से दूर जाना, लेकिन खाने की आदत को छोड़ न पाना।

बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का कारण

आनुवंशिकी
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के विषय में कई एक्सपर्ट्स इस बात का दावा करते हैं यह आनुवांशिकी है. इसका मतलब है कि अगर परिवार में कोई पहले बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार रहा है, तो परिवार के भावी पीढ़ी को इस समस्या के होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

जेंडर
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के होने पीछे जेंडर को भी एक वजह माना गया है. विशेषज्ञों के अनुसार बिंज ईटिंग डिसऑर्डर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है. यूएस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक निश्चित समयावधि में जहां, 3.6 फीसदी महिलाएं बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से ग्रसित थीं, वहीं पुरुषों की संख्या 2.0 फीसदी थी. विशेषज्ञों का कहना है कि संभवतः ऐसा बायोलॉजिकल फैक्टर की वजह से हो सकता है.

ब्रेन स्ट्रक्चर में बदलाव
विशेषज्ञ यह भी दावा करते हैं कि जो लोग बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के मरीज हैं, उनके ब्रेन स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव महसूस किए गए हैं. यही कारण है कि इन लोगों का खाना खाने पर कोई कंट्रोल नहीं रह जाता है.

शारीरिक वजन
बिंज ईटिंग करने वालों को अक्सर देखा गया है कि वे मोटे और भारी शरीर के होते हैं. ऐसा उनके खाने की आदत की वजह से भी हो सकता है. लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का एक कारण मोटापा भी है.

बॉडी इमेज
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अपनी बॉडी इमेज को लेकर शर्मिंगदी होती है. उन्हें लगता है कि वे किसी भी तरह से खूबसूरत या गुड लुकिंग नहीं हैं. इसलिए ज्यादातर लोग उन्हें नापसंद करते हैं. उनकी यह भावना इनके मन-मस्तिष्क में हावी होती है कि वे इससे डील नहीं कर पाते. अपने गुस्से और हीन भावा को दबाने के लिए ऐसे लोग बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं.

बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से होने वाले नुकसान

  • ज्यादा खाने के बाद उल्टी, दस्त की समस्या होना.
  • मोटापा और ज्यादा फैट्स से स्ट्रोक, हार्ट अटैक का खतरा.
  • बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार होने पर दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
  • बिंज ईटिंग से जुड़ी समस्याएं मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती हैं. डिप्रेशन, तनाव और कई मानसिक समस्याएं हो सकती हैं.
  • बिंज ईटिंग डिसऑर्डर की वजह से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ओस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ जाता है.

बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज

बिंज ईटिंग डिसऑर्डर जैसी समस्या का कोई सटीक इलाज नहीं है. इसके लिए, आपको चाहिए कि जैसे ही आपको लक्षण नजर आएं, आप तुरंत डॉक्टर के पास जाए. उनके द्वारा दी गई सलाह को अमल में लाएं और जरूरी होने पर अपनों की मदद लें. इसके अलावा, संभवतः डॉक्टर आपको कोई दवा या विशेष ट्रीटमेंट की सलाह दें, तो उन्हें आवश्यक तौर पर फॉलो करें.

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