वर्तमान समय में बवासीर यानी पाइल्स की समस्या तेजी से बढ़ रही है. हर उम्र के लोग बवासीर से परेशान हो रहे हैं. यह एक गंभीर बीमारी है, जिसकी वक्त रहते पहचान करके इलाज कराना चाहिए. कई बार बवासीर की वजह से शौच के बाद खून आने लगता है, जिससे कंडीशन बिगड़ने लगती है. लंबे समय तक खून निकलता रहे, तो इससे एनीमिया यानी खून की कमी हो जाती है. बवासीर शुरुआती स्टेज में हो तो दवाइयों से इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन यह ज्यादा बढ़ जाए, तो गंभीर समस्या सल पैदा हो सकती हैं. इस बारे में डॉक्टर से जरूरी बातें जान लेते हैं.
फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के मिनिमल एक्सेस सर्जरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र के मुताबिक अक्सर लोग अपने मलद्वार में होने वाली परेशानियों के बवासीर समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मलद्वार में फिशर, फिस्टुला और इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है. बवासीर 80 प्रतिशत लोगों को होती है और इसे अपने आपमें बीमारी नहीं माना जाता है.
जब बवासीर एडवांस स्टेज में पहुंच जाए और शौच करते वक्त खून आने लगे, तो इसे बीमारी माना जाता है. कई बार शौच के बाद मस्से बाहर निकल आते हैं और वे अंदर नहीं जा पाते. ऐसी कंडीशन को भी बीमारी माना जाता है और इसका इलाज किया जाता है. अगर आपको मलद्वार या मलाशय में किसी तरह की दिक्कत हो रही है, तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलकर यह पता लगाएं कि यह बवासीर है या कोई और बीमारी है.
बवासीर के लक्षण?
डॉ, जगदीश चंद्र कहते हैं कि बवासीर जब एडवांस स्टेज में पहुंच जाती है, तब शौच करने के बाद बूंद-बूंद करके खून टपकने लगता है. कई बार शौच के बाद मस्से बाहर आ जाते हैं, जिन्हें उंगली से अंदर करना पड़ता है. हालांकि कई बार मस्से बाहर निकल आते हैं और अंदर नहीं जा पाते हैं. ये सभी बवासीर के लक्षण होते हैं. इसके अलावा शौच करने के दौरान दर्द, शौच करने में परेशानी होना और खून निकले, तो यह बवासीर के संकेत हो सकते हैं. ऐसी कंडीशन में डॉक्टर से मिलकर परेशानी का पता लगाने की जरूरत होती है.
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बवासीर का इलाज?
एक्सपर्ट की मानें तो जब बवासीर शुरुआती स्टेज में होती है, तब दवाओं के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है. जब यह बढ़ जाती है, तब इसे कंट्रोल करने के लिए छल्ले लगाए जाते हैं, जिसे हेमेरॉइड बाइंडिंग कहा जाता है. इससे लोगों को काफी राहत मिल सकती है. हालांकि कई लोगों में बवासीर गंभीर हो जाती है और ऐसी कंडीशन में लेजर के जरिए सर्जरी करनी पड़ती है. सर्जरी के दौरान कई बार मस्सों को काटकर अलग भी किया जाता है. मरीजों के लक्षणों के अनुसार ट्रीटमेंट दिया जाता है. किसी को समस्या ज्यादा है, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है.
बवासीर से बचाव?
- हेल्दी डाइट लें और फाइबर से भरपूर फूड्स का खूब सेवन करें.
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और शरीर को प्रॉपर हाइड्रेटेड रहें.
- मलत्याग के वक्त ज्यादा जोर न लगाएं, वरना बवासीर हो सकती है.
- नियमित रूप से फिजिकली एक्टिव रहें और एक जगह घंटों न बैठें.
- अपने वजन को कंट्रोल करें और ज्यादा वजन उठाने से भी बचें
- अगर किसी तरह की दिक्कत हो, तो डॉक्टर से मिलकर चेकअप कराएं.