पिछले माह एड्स नियंत्रण सोसायटी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लखनऊ जेल में रह रहे कैदियों का हेल्थ परिक्षण कराया गया। इस टेस्ट में जेल में बंद करीब 3 हजार कैदियों के HIV टेस्ट भी कराए गए, जिसकी रिपोर्ट को बीते रोज जारी किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 36 कैदी HIV संक्रमित पाए गए हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद जेल प्रसासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इसके तुरंत बाद सभी संक्रमित कैदियों का इलाज स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में कराना शुरू कर दिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि HIV हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर बेहद बुरा असर डालता है। यह वायरस हमारे खून में शामिल सफेद रक्त कणिकाओं पर हमला करता है, जिसके कारण हमारी बॉडी इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है। बात करें लंबे समय की तो यह वायरस धीरे-धीरे हमारे शरीर को इतना कमजोर बना देता है कि शरीर कोई मामूली चोट और बीमारी भी बर्दास्त नहीं कर पाता है। इतना ही नहीं यदि समय रहते HIV का इलाज न किया जाए तो यह अपनी खतरान स्थिति तक पहुंच जाता है, जहां यह हमारे लिए जानलेवा भी साबित होता है।
कैसे फैलता है HIV वायरस?
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आपको बता दें कि HIV संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध, दूषित इंजेक्शन, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान मां से बच्चे में फैल सकता है। ऐसे में यदि संक्रमण को कम करना है तो कुछ बातों का ध्यान रखकर इसे कम किया जा सकता है। इस वायरस का असर हमारे पूरे शरीर पर देखने को मिलता है इसलिए इसके लक्षण पर शुरुआत में ही ध्यान देना बहुत जरूरी है।
इसके अलावा यह जानना भी जरूरी है कि इस वायरस के संक्रमण से पीड़ित लोगों में कई साल तक कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन यदि आपका शरीर किसी बीमारी से ग्रसित हो जाए तो इस वायरस को विकसित होने का भरपूर मौका मिल जाता है। यही कारण है कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है यह वायरस उन लोगों पर बहुत तेजी से असर करता है।
HIV संक्रमण के लक्षण
- बुखार
- थकान
- वजन घटना
- गला सूखना
- जोड़ों में सूजन
- सिर दर्द रहना
- स्किन में बदलाव
- मांसपेशियों में ऐंठन
HIV से बचाव के उपाय
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि HIV संक्रमण का पता समय रहते लग जाए तो मरीज को मौत के गले से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही HIV वायरस के प्रति चौकन्ना रहकर भी इससे संक्रमण को रोका जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे बचाव के उपाय बताने जा रहे हैं जो डब्लू.एच.ओ. द्वारा बताए गए हैं।
- यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें।
- संक्रमित व्यक्ति के खून का इस्तेमाल न करें।
- संक्रमित मां बच्चों को स्तनपान न कराए।
- संक्रमित व्यक्ति के रेक्टल फ्लूइड और वेजाइनल फ्लूइड के संपर्क में न आएं।
- समय-समय पर HIV परीक्षण के द्वारा भी इस गंभीर खतरे से आसानी से निपटा जा सकता है।