हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि बहुत अधिक मात्रा में विटामिन बी3 या नियासिन का सेवन करने से धमनियों में सूजन आ सकती है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इस अध्ययन के नतीजे नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
अध्ययन में 1,100 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। वैज्ञानिकों ने पाया कि शरीर में जब बहुत अधिक मात्रा में नियासिन होता है, तो वह 2PY और 4PY नामक दो अणु बनाता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि इन दोनों अणुओं का स्तर जितना ज्यादा होता है, दिल की बीमारी का खतरा भी उतना ही बढ़ जाता है।
विटामिन B3 क्या है?
विटामिन बी3, जिसे नियासिन के नाम से भी जाना जाता है, शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए जरूरी है। यह पानी में घुलनशील विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है। यह दो रूपों में पाया जाता है: निकोटिनिक एसिड और निकोटिनामाइड। ये दोनों रूप शरीर में कोएंजाइम निकोटिनामाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड (NAD) और निकोटिनामाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड फॉस्फेट (NADP) में बदल जाते हैं। ये कोएंजाइम कोशिकाओं के चयापचय, ऊर्जा उत्पादन और डीएनए मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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विटामिन B3 किन चीजों में पाया जाता है?
मांस, मुर्गी, मछली, मेवे, बीज और फोर्टिफाइड अनाज में भरपूर मात्रा में नियासिन पाया जाता है। इसके अलावा, शरीर भी अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन से नियासिन का निर्माण कर सकता है, हालांकि यह हमेशा शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं होता है।
विटामिन B3 की कमी से क्या हो सकता है?
विटामिन बी3 की कमी से पेलेग्रा नामक बीमारी हो सकती है। इसके लक्षणों में त्वचा संबंधी समस्याएं, दस्त, डिमेंशिया और गंभीर मामलों में मृत्यु भी शामिल है। मक्के पर निर्भर आहार वाली आबादी में पेलेग्रा आम हुआ करती थी, क्योंकि मक्के में पर्याप्त नियासिन नहीं होता है।
विटामिन B3 और दिल का संबंध
नियासिन के पूरक का उपयोग हाइपरलिपिडेमिया के इलाज के लिए किया जाता रहा है, क्योंकि यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन, नियासिन की अधिक मात्रा से फ्लशिंग, खुजली और लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि नियासिन या विटामिन बी3 हृदय रोगों के लिए एक नया जोखिम कारक हो सकता है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. स्टेनली हेज़न का कहना है कि, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि क्यों कोलेस्ट्रॉल कम करने के बावजूद नियासिन से उतना फायदा नहीं मिलता जितना की उम्मीद की जाती थी। इससे यह पता चलता है कि ज्यादा मात्रा में नियासिन के कुछ नुकसान भी होते हैं।”