नहीं रहे आचार्य सत्येंद्र दास, Brain Stroke के चलते अस्पताल में थे भर्ती, जानिए क्या है ये बीमारी

Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das Death: राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया। आचार्य सत्येंद्र दास लंबे समय से बीमार चल रहे थे। तीन फरवरी को उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। स्ट्रोक के बाद उनका इलाज न्यूरोलॉजी वार्ड में चल रहा था। बुधवार को उन्होंने लखनऊ के एसजीपीजीआई में अंतिम सांस ली। उनके निधन से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौर गई।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण भर्ती श्रीराम जन्मभूमि मंदिर-अयोध्या के मुख्य पुजारी अपने पीजीआई में आखिरी सांस ली। अयोध्या के श्रीराम जन्म-भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ (मस्तिष्काघात) के कारण तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में 3 फरवरी को भर्ती कराया गया था। एसजीपीजीआई ने एक बयान में कहा, ‘श्री सत्येंद्र दास जी को स्ट्रोक हुआ है। उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप है और वे फिलहाल न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती थे पीजीआई प्रशासन के अधिकारी PRO ने बताया कि सुबह उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली।

जानिए क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक और क्या होते हैं इसके लक्षण | Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das Death
ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जिसके कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गवाते हैं। इसे दुनिया भर में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण माना गया है। ब्रेन में रक्त का संचार करने वाली धमनियों में ब्लॉकेज होने के कारण यह स्थिति होती है। अधिकतर मामलों में बढ़ती उम्र में खासकर बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है। लेकिन बीते कुछ सालों में युवाओं में भी ब्रेन स्ट्रोक के मामले देखे गए हैं।
क्यों आता है स्ट्रोक? | Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das Death
स्ट्रोक (Stroke) तब आता है जब ब्रेन के सेल्स डैमेज हो जाते हैं या डेड यानी मर जाते हैं। स्ट्रोक अचानक से आता है लेकिन ऐसी कई वजह हैं जो स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। ब्रेन में स्ट्रोक दो वजहों से होता है, ब्रेन की आर्टरी के ब्लॉक हो जाने से और दूसरा ब्रेन की आर्टरी रप्चर हो जाने की वजह से। इसलिए मरीज का इलाज करने के लिए ये जानना बहुत जरूरी होता कि से स्ट्रोक किस वजह से हुआ है। क्योंकि दोनों की वजह से होने वाले ब्रेन स्ट्रोक के सिम्टम्स यानी लक्षण समान होते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण | Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das Death
- चेहरे में अचानक टेढ़ापन आ जाना
- किसी एक तरफ का हाथ या पैर न उठ पाना
- अचानक किसी तरफ की आंख का विजन चले जाना
- अचानक आवाज में लड़खड़ाहट पैदा होना
- अचानक चलते समय बैलेंस न कर पाना
- ये लक्षण या तो ब्रेन की आर्टरी में ब्लॉकेज की वजह से हो सकते हैं या फिर हेमरेज की वजह से, इसलिए ऐसा कोई भी लक्षण महसूस होने पर तुरंत अस्पताल जाएं
युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ रहा है? | Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das Death
- खराब खानपान की आदत: डाइट में जंक और प्रोसेस्ड फूड ज्यादा खाने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इनमें मौजूद प्रिजर्वेटिव्स बॉडी में टॉक्सिन बढ़ाते हैं। इसके कारण हार्ट डिजीज और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
- एक्सरसाइज अवॉइड करना: बॉडी मूवमेंट न होने से ब्रेन भी कमजोर होने लगता है। एक्सरसाइज अवॉइड करने बॉडी में से फैट स्टोर होने लगता है। इसके कारण ब्लड फ्लो होने में परेशानी होती है जिससे स्ट्रोक का खतरा रहता है।
- स्मोकिंग करना: स्मोकिंग की आदत युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक होने का मुख्य कारण है। इसके कारण नसों में सिगरेट से निकलने वाले टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। इसके कारण ब्रेन तक ब्लड और न्यूट्रिएंट्स का फ्लो रुक जाता है।
- कोई बीमारी होना: युवाओं में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां जैसे थायराइड और ब्लड प्रेशर भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं। इन समस्याओं में बॉडी के ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है। इस कारण ये समस्याएं भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं।
- जेनेटिक डिसऑर्डर: कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर खासकर हार्ट और ब्रेन से जुड़ी समस्याएं भी कम उम्र में स्ट्रोक होने का कारण बन सकती हैं। ऐसे में अगर घर में किसी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ है, तो आगे आने वाली जनरेशन को भी बीमारियों का खतरा हो सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कैसे कम किया जा सकता है? | Ram Mandir Chief Priest Acharya Satyendra Das Death
ब्रेन स्ट्रोक खराब लाइफस्टाइल के कारण होने वाली समस्या है इसलिए इन बदलावों को अपनाकर इसके खतरे को कम कर सकते हैं-
- धूम्रपान करने की आदत छोड़ने या कंट्रोल रखने से काफी हद तक इसका रिस्क कम हो सकता है।
- डेली वर्कआउट करने से माइंड और बॉडी को रिलैक्स रखने में मदद मिलती है। इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।
- अगर कोई लाइफस्टाइल डिजीज है तो इन्हें कंट्रोल करने से भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।
- कुछ महीने में प्रोपर बॉडी और ब्रेन चेकअप करवाने से बढ़ते खतरे को कम किया जा सकता है।