Alert: आपको भी ठंड लगने के साथ हो रहा है बुखार? तुरंत करा लें खून की जांच

Malaria in India: मानसून का ये मौसम और इसके बाद के कुछ महीनों में भारत में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा सबसे अधिक देखा जाता रहा है। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के कारण हर साल लाखों लोगों को अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर कहते हैं, मलेरिया बीमारी स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती रही है जिसको लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नवीनतम विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में दुनियाभर में मलेरिया के अनुमानित 263 मिलियन (26.3 करोड़) मामले सामने आए और 5.97 लाख लोगों की मौत हो गई। वहीं डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मलेरिया के अनुमानित मामलों की संख्या 2017 में 64 लाख से घटकर 2023 में 20 लाख रह गई, जो 69% की गिरावट है। इसी प्रकार, इसी अवधि में मलेरिया से होने वाली मौतें 11,100 से घटकर 3,500 हो गई, जो 68% की कमी है।
भारत में मलेरिया का खतरा | Malaria in India
मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में पहले मलेरिया के लाखों मामले आते थे। 2015 में लगभग 12 लाख लोग बीमार पड़े थे लेकिन अब हालात में काफी सुधरी है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक पूरे देश से मलेरिया खत्म कर दिया जाए। मलेरिया मच्छरजनित रोग है। यह मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर गंदे और ठहरे हुए पानी (जैसे कूलर, टंकी, टायर या गड्ढ़ों) में पैदा होते हैं। जब यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति का खून पीता है और फिर किसी दूसरे को काटता है, तो बीमारी फैल जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने साझा किए जरूरी टिप्स | Malaria in India
उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विशेषज्ञ कहते हैं, बरसात के मौसम में मच्छरों के कारण संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचने के लिए, मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। इसके अलावा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ताकि आप और आपका परिवार इन रोगों से सुरक्षित रह सकें। मलेरिया से बचाव में भी स्वच्छता का ध्यान देना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों ने इसके लिए 6 उपाय बताए हैं।
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पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
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खिड़की- दरवाजों पर जाली लगवाएं ताकि मच्छर घर में न आएं।
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सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
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घर के आस-पास पानी जना न होने दें।
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जानवर के बाड़ों की नियमित सफाई करें।
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पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रखें।
मलेरिया का खतरा किसे ज्यादा, कैसे करें पहचान? | Malaria in India
डॉक्टर कहते हैं, समय पर अगर मलेरिया की पहचान हो जाए तो इसके कारण होने वाले गंभीर जोखिमों को कम किया जा सकता है। कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक देखा गया है ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
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छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के साथ खदान या बरसाती इलाकों में रहने वाले लोगों में मलेरिया का खतरा अधिक हो सकता है।
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अगर आपको मलेरिया के इनमें से 2-3 लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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बरसात के समय अगर 2-3 दिन से बुखार हो, तो तुरंत खून की जांच कराएं।
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तेज बुखार, बार-बार आना-जाना
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ठंड लगकर बुखार चढ़ना और फिर पसीना आना
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सिरदर्द, थकान, बदन दर्द
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उल्टी या दस्त
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गंभीर हालत में बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, पीलिया या खून की कमी
भारत ने तैयार कर ली मलेरिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन | Malaria in India
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने मलेरिया की रोकथाम के लिए अपना पहला टीका तैयार कर ली है। जल्द ही टीके के उत्पादन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) निजी कंपनियों के साथ समझौता करने की तैयारी में है। विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि इससे न सिर्फ अस्पतालों पर पड़ने वाले दवाब को कम किया जा सकेगा बल्कि रोगियों की जान बचाने में भी मदद मिल सकेगी। इसे फिलहाल एडफाल्सीवैक्स नाम दिया है, जो मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ पूरी तरह असरदार पाया गया है।