Alert: आपको भी हुआ है कोरोना, अलर्ट हो जाएं, सेहत पर मंडरा है ये बड़ा खतरा!

COVID-19 Complications: कोरोना संक्रमण ने इंसानी स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है। महामारी की शुरुआत से ही संक्रमण के दौरान होने वाली गंभीर जटिलताओं और संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में इसके दीर्घकालिक दुष्प्रभावों को लेकर चिंता जताई जाती रही है। कई अध्ययन बताते हैं कि जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ा, वहीं शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि कोरोनावायरस के संक्रमण ने हृदय स्वास्थ्य को भी बहुत प्रभावित किया है। पोस्ट कोविड यानी संक्रमण से ठीक होने के बाद कुछ महीनों से लेकर एक साल तक बने रहने वाले लक्षणों को लेकर भी अलर्ट किया जाता रहा है।
कोरोना के कारण हुए दुष्प्रभावों को लेकर हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने एक और बड़ा खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना ने हमारी रक्त वाहिकाओं को भी क्षति पहुंचाई है। कोविड-19 रोग ने वाहिकाओं को करीब 5 साल बूढ़ा कर दिया है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये दुष्प्रभाव अधिक देखे गए हैं। रक्त वाहिकाओं पर देखे गए ये प्रभाव संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालने वाले हो सकते हैं।
कोरोना संक्रमण ने रक्त वाहिकाओं को कर दिया बूढ़ा | COVID-19 Complications
ये अध्ययन फ्रांस में किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस सिटी में किए गए इस शोध के प्रमुख लेखक रोजा मारिया ब्रूनो कहते हैं, महामारी के बाद से हमने सीखा है कि कई लोग जिन्हें कोविड-19 हुआ था, उनमें कई लक्षण महीनों या वर्षों तक रह सकते हैं, इसे लॉन्ग या पोस्ट कोविड के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, हम अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर किन वजहों से ये दिक्कतें बनी रहती हैं, शरीर में ऐसे कौन से बदलाव आ जाते हैं?
इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढ रही वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि संक्रमण ने इंसानों की रक्त वाहिकाओं को उनकी उम्र से करीब पांच साल ज्यादा बूढ़ा कर दिया है। इस तरह की दिक्कत महिलाओं में अधिक देखी गई है।
महिलाओं में रक्त वाहिकाओं से संबंधित खतरा अधिक | COVID-19 Complications
विशेषज्ञों ने बताया कि जिन महिलाओं ने कोविड से उबरने के बाद भी लंबे समय तक सांस लेने में तकलीफ और थकान जैसे पोस्ट कोविड लक्षणों का अनुभव किया, उनकी रक्त वाहिकाओं में इस तरह की परिवर्तन अधिक नोटिस किया गया है। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और यूरोप सहित 16 देशों के लगभग 2,400 प्रतिभागियों (जिनमें से लगभग आधी महिलाएं थीं) को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ रक्त वाहिकाएं स्वाभाविक रूप से सख्त हो जाती हैं, लेकिन कोविड-19 संक्रमण ने इस प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप स्ट्रोक और दिल के दौरे (हार्ट अटैक) सहित हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम भी अधिक हो गया है।
अध्ययन में क्या पता चला? | COVID-19 Complications
अध्ययन में पाया गया कि औसतन, हल्के संक्रमण वाली महिलाओं में पल्स वेब वेलासिटी (पीडब्लयूवी) 0.55 मीटर प्रति सेकंड, अस्पताल में भर्ती महिलाओं में 0.60 मीटर प्रति सेकंड और गंभीर रोगों के कारण आईसीयू में इलाज करा रही महिलाओं में एक मीटर प्रति सेकंड से अधिक पाया गया। पल्स वेब वेलासिटी वह गति है जिस पर तरंगें धमनियों से होकर गुजरती हैं। यह धमनी कठोरता का एक प्रमुख संकेतक माना जाता है। पीडब्लयूवी का उच्च स्तर धमनियों की कठोरता का संकेत देते हैं। ये स्थिति उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। लेखकों ने कहा, कोरोना संक्रमित रहते पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पल्स वेब वेलासिटी में महत्वपूर्ण अंतर था।
पोस्ट कोविड की समस्याएं अब भी बड़ी चिंता | COVID-19 Complications
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने कहा, वैसे तो कोविड-19 महामारी का तीव्र खतरा अब कम हो गया है, लेकिन इसके बाद भी पोस्ट कोविड की समस्याएं चिंता का कारण बनी हुई हैं। कोविड-19 ने हमारी धमनियों को बूढ़ा कर दिया है, ये संभव है कि बढ़ते हृदय रोगों के लिए ये एक बड़ी वजह हो सकती है। इसी से संबंधित ओपन फोरम इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में हाल ही में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया था कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी, पांच में से एक व्यक्ति को एक साल बाद तक क्वालिटी ऑफ लाइफ में समस्या बनी हुई है। लोगों में सांस की समस्या, गंभीर थकान-कमजोरी, सिरदर्द, तनाव-चिंता जैसे लॉन्ग कोविड लक्षणों की दिक्कत बनी हुई रह सकती है।