Alert! सर्दियों में हाथ-पैरों पर अगर दिख रहे यह लक्षण, तो बिलकुल भी न करें इग्नोर


Winter Health Problems: सर्दियों का मौसम कई लोगों के लिए आफत बनकर आता है. खासकर ऐसे लोग जिनके जोड़ों में दर्द रहता है और कई लोग ऐसे होते हैं, जिनके हाथों पैरों के जॉइंट्स शूज जाते हैं. उनमें लालीपन आ जाती है और खुजली भी आने लगती है. दरअसल सर्दियों के दिनों में गाउट पैन अटैक होता है. सर्दियों में स्यूडोगाउट और गाउट दोनों में जोड़ों के दर्द और सूजन हो सकती है. स्यूडोगाउट कैल्शियम पाइरोफॉस्फेट क्रिस्टल के कारण होता है, जबकि गाउट यूरिक एसिड क्रिस्टल के कारण होता है.
ठंड के मौसम में, ठंडे तापमान से जोड़ों में यूरिक एसिड के क्रिस्टलीकरण की संभावना बढ़ जाती है, जिससे गाउट के दौरे पड़ सकते हैं. गर्मियों की तुलना में सर्दियों के दिनों में लोग कम पानी पीते हैं ताकि उन्हें यूरिन पास ज्यादा ना करना पड़े, लेकिन लोग पेशाब रोक कर रखते हैं और पानी कम पीते हैं. यह एक बहुत बड़ी गलती है, क्योंकि यूरिक एसिड बढ़ सकता है जिससे आपके ज्वाइंट में लालीपन, सूजन और खुजली हो सकती है.
गाउट और स्यूडोगाउट के मरीजों के लिए चुनौती है सर्दी! | Winter Health Problems
सर्दियों का मौसम गाउट और स्यूडोगाउट के मरीजों के लिए चुनौती लेकर आता है, लेकिन पर्याप्त हाइड्रेशन और जोड़ों को गर्म रखने जैसे साधारण बचाव के कदम उठाकर इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. जैसे ही ठंड का मौसम शुरू होता है, यह कई लोगों, विशेषकर जोड़ों के दर्द से पीड़ित व्यक्तियों के लिए एक गंभीर चुनौती लेकर आता है. इस दौरान जोड़ों में दर्द, सूजन, लालीपन और तेज खुजली की शिकायतें आम हो जाती हैं. दरअसल, सर्दियों के दिनों में गाउट अटैक की आशंका काफी बढ़ जाती है, जिसके पीछे हमारी जीवनशैली से जुड़ी कुछ सामान्य गलतियां और शारीरिक गतिविधियां जिम्मेदार हो सकती हैं.

स्यूडोगाउट और यूरिक एसिड में अंतर | Winter Health Problems
सामान्य गाउट यूरिक एसिड क्रिस्टल के कारण होता है, जबकि स्यूडोगाउट कैल्शियम पाइरोफॉस्फेट क्रिस्टल के कारण होता है. ठंड के मौसम में जोड़ों के अंदर यूरिक एसिड का क्रिस्टलीकरण होने की संभावना बढ़ जाती है, जो सीधे तौर पर गाउट के दर्दनाक दौरे को ट्रिगर करता है. यही वजह है कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में गाउट के मामले ज्यादा देखे जाते हैं. सर्दियों में गाउट के दौरे बढ़ने का एक और महत्वपूर्ण कारण लोगों की एक आम गलती है कम पानी पीना. कई लोग ठंडे मौसम में बार-बार पेशाब जाने से बचने के लिए जानबूझकर पानी का सेवन कम कर देते हैं. इसके अलावा, पेशाब को रोककर रखने की आदत भी इस समस्या को बढ़ाती है.
आपकी यह लापरवाही शरीर में डिहाइड्रेशन पैदा करती है और डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे यह रक्त में जमा होकर जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है. नतीजन,जोड़ों में सूजन, लालीपन और तेज खुजली के रूप में सामने आता है, जो गाउट अटैक के लक्षण हैं.





