Alert: 5-9 साल के एक तिहाई बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स, दिल्ली में सबसे ज्यादा समस्या

Children High Triglycerides India: भारत में बच्चों की सेहत को लेकर आई “चिल्ड्रन इन इंडिया, 2025” नामक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 5-9 साल की उम्र के हर तीन में से एक बच्चा हाई ट्राइग्लिसराइड्स से जूझ रहा है। यह समस्या बच्चों में शुरुआती उम्र से ही हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस उम्र वर्ग में सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में मिले हैं, जहां 67 प्रतिशत बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स पाए गए। इसके बाद सिक्किम (64.6 प्रतिशत), असम (57 प्रतिशत), नागालैंड (55.5 प्रतिशत) और मणिपुर (54.7 प्रतिशत) का नंबर आता है। वहीं, केरल (16.6 प्रतिशत) में यह अनुपात सबसे कम है। देश का औसत देखें तो 34 प्रतिशत बच्चे हाई ट्राइग्लिसराइड्स से प्रभावित हैं, यानी हर तीन में से एक बच्चा इस समस्या का सामना कर रहा है।
किशोरों में स्थिति थोड़ी बेहतर | Children High Triglycerides India
10 से 19 साल की उम्र के बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम पाया गया। इस समूह में 16 प्रतिशत बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स और 4 प्रतिशत से कम में हाई एलडीएल दर्ज किया गया। हालांकि, बंगाल (42.5 प्रतिशत), सिक्किम (39.4 प्रतिशत) और मणिपुर (38 प्रतिशत) इस आयु वर्ग में भी सबसे ज्यादा प्रभावित रहे, जबकि महाराष्ट्र (6.4 प्रतिशत) में सबसे कम बच्चे इस समस्या से जूझते मिले। रिपोर्ट ने यह भी बताया कि दिल्ली में बच्चों में हाइपरटेंशन के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
दिल्ली में बच्चों में सबसे ज्यादा हाइपरटेंशन | Children High Triglycerides India
विशेषज्ञों का मानना है कि बदलती लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड्स का ज्यादा सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके पीछे मुख्य कारण हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, हाई ट्राइग्लिसराइड्स और हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बच्चों में धीरे-धीरे धमनियों में चर्बी की परत जमा कर देता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। समय के साथ यह धमनियों को संकरा और कठोर बना देता है। परिणामस्वरूप दिल की बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अगर इन समस्याओं की पहचान समय पर नहीं की गई और डाइटरी बदलाव, नियमित व्यायाम और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाया नहीं गया, तो आगे चलकर यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
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माता-पिता के लिए चेतावनी
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों की नियमित हेल्थ स्क्रीनिंग, खाने-पीने की आदतों पर ध्यान और आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। जंक फूड और शुगर ड्रिंक्स से दूरी बनाना और फ्रूट्स, सब्जियों व फाइबर युक्त आहार पर जोर देना बच्चों की सेहत को बेहतर बना सकता है।