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Alert: नींद पूरी न होने की समस्या इन बीमारियों का भी बढ़ा सकती है खतरा, रहें सावधान

Lack of Sleep: पौष्टिक खान-पान की तरह ही अच्छी नींद भी स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उन्हें समय के साथ कई प्रकार की गंभीर बीमारियों घेर लेती हैं। यहां तक कि एक रात भी नींद पूरी न होने के कारण आप अगले दिन थकान-कमजोरी, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। वयस्कों को रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है। क्या आप रोज रात को अपनी नींद पूरी कर पा रहे हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक अध्ययन में सभी लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि यदि आपको अच्छी नींद नहीं मिलती है, रात को बार-बार नींद टूट जाती है या फिर तमाम कोशिशों के बाद भी आप गहरी नींद नहीं ले पा रहे हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। ये एक स्थिति भविष्य में अल्जाइमर रोग-डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है।

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अल्जाइमर या डिमेंशिया का खतरा | Lack of Sleep

नींद क्यों बहुत जरूरी है और इसकी कमी किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है इसको समझने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने एक अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर आपको पर्याप्त नींद नहीं मिलती है, तो भविष्य में अल्जाइमर या डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 2,800 से अधिक व्यक्तियों का अध्ययन किया। विशेषज्ञों ने बताया कि जो लोग रात में पांच घंटे से कम सोते हैं, उनमें आगे चलकर डिमेंशिया होने का खतरा दोगुना अधिक हो सकता है। हर रात छह से आठ घंटे सोने वालों की तुलना में ऐसे लोगों में असमय मृत्यु का जोखिम भी अधिक देखा गया है।

नींद की गुणवत्ता और इसकी अवधि पर दें ध्यान | Lack of Sleep

नींद की कमी के कारण इस प्रकार का जोखिम क्यों अधिक होता है, इसको लेकर विशेषज्ञों ने बताया कि नींद की गुणवत्ता या इसकी अवधि में कमी मस्तिष्क में मौजूद विषाक्त प्रोटीन को साफ करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है जिसके कारण अल्जाइमर रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इससे बीटा-अमाइलॉइड प्रोटीन का निर्माण होने लगता है, जिसे अल्जाइमर रोग से जुड़ा हुआ पाया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, नींद सिर्फ अल्जाइमर रोग का खतरा ही नहीं बढ़ाती है, शरीर को और भी कई प्रकार से प्रभावित करने वाली हो सकती है।

और भी कई तरह से प्रभावित होती है सेहत | Lack of Sleep

नींद की कमी हमारी सेहत को और भी कई प्रकार से प्रभावित करने वाली हो सकती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट में बताया गया कि जिन लोगों को रोज रात में अच्छी नींद नहीं मिल पाती है उनमें ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और याददाश्त से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि लगातार 24 घंटे तक जागे रहने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता नशे की स्थिति के समान हो सकती है। समय के साथ आपकी संज्ञानात्मक क्षमताओं में कमी भी आने लगती है।

मोटापा और हार्ट की समस्याओं का खतरा | Lack of Sleep

अपर्याप्त नींद को उच्च रक्तचाप, दिल की धड़कन में अनियमितता और हृदय संबंधित कई अन्य समस्याओं से जोड़कर भी देखा जाता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, लंबे समय तक रोज रात में छह घंटे से कम सोने वाले व्यक्तियों में हृदय रोगों का खतरा 20% अधिक होता है। इसके अलावा नींद की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाने लगती जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। यह भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन (लेप्टिन और घ्रेलिन) को असंतुलित करके मोटापा बढ़ा सकती है जिसे हृदय रोगों का प्रमुख कारण माना जाता है।

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