Alert: मच्छरों के कारण हर साल फैलने वाली इन बीमारियों का नहीं है कोई इलाज, जानिए कैसे रहें सुरक्षित?

Mosquito Borne Diseases: मानसून के महीनों में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। भारत में हर साल जुलाई से लेकर सितंबर-अक्टूबर के महीनों में मच्छरजनित बीमारियों जैसे डेंगू-मलेरिया, चिकनगुनिया के कारण अस्पतालों में भारी भीड़ देखी जाती रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों के अनुसार, हर साल दुनियाभर में लाखों लोग सिर्फ मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों के कारण मारे जाते हैं। आश्चर्य की बात ये है कि इनमें से कई बीमारियों का अब तक कोई विशिष्ट इलाज उपलब्ध नहीं है, बल्कि उपचार के तौर पर डॉक्टर सिर्फ लक्षणों को ठीक करने वाले उपायों-दवाओं को प्रयोग में लाते हैं। डेंगू, चिकनगुनिया और जीका ऐसी ही तीन खतरनाक बीमारियां हैं जिनका अभी तक कोई स्थायी इलाज या वैक्सीन नहीं है। यही वजह है कि डॉक्टर सभी लोगों को बचाव के उपायों का पालन करते रहने की सलाह देते रहते हैं। इन बीमारियों की सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि शुरुआती लक्षण साधारण बुखार जैसे होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये जानलेवा रूप ले सकते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? | Mosquito Borne Diseases
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मच्छरों से होने वाली तमाम बीमारियां हर साल लोगों के परेशान करती हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगता है जो गंभीर स्थितियों में जानलेवा भी हो सकता है। चिकनगुनिया महीनों तक जोड़ों में दर्द देता रहता है वहीं जीका वायरस गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए आजीवन खतरा बन सकता है। यानी ये सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि गंभीर चिंता का कारण भी हैं। चूंकि इन तीनों का कोई पक्का इलाज नहीं है इसलिए डॉक्टर सिर्फ लक्षणों को कंट्रोल करते हैं।
डेंगू का खतरा | Mosquito Borne Diseases
डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलती है। दुनियाभर में हर साल लगभग 40 करोड़ लोग डेंगू का शिकार होते हैं। भारत में मानसून के दिनों में और बरसात के बाद यह सबसे ज्यादा फैलता है। डेंगू के कारण रोगियों को तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे और मांसपेशियों-जोड़ों में दर्द के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में यह हेमरेजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम का भी कारण बन सकता है। इसमें प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है जो शरीर में अंदरूनी रक्तस्राव का कारण बन सकती है। डेंगू का कोई विशेष इलाज मौजूद नहीं है। इसके उपचार में केवल बुखार कम करने, प्लेटलेट्स को कम होने से बचाने और शरीर में पानी की कमी पूरी करने पर ध्यान दिया जाता है।
चिकनगुनिया का कई महीनों तक दिखता है असर | Mosquito Borne Diseases
डेंगू की तरह चिकनगुनिया भी खतरनाक है और इसका भी कोई पुख्ता इलाज नहीं है। चिकनगुनिया के लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, थकान, त्वचा पर लाल चकत्ते और जोड़ों में दर्द-सूजन शामिल है। यह बीमारी वैसे तो कम जानलेवा होती है, लेकिन इसका सबसे बड़ा खतरा लंबे समय तक दर्द और कमजोरी बने रहना है। कई मरीज महीनों तक चलने-फिरने में असमर्थ रहते हैं। चिकनगुनिया का भी कोई सीधा इलाज या बचाव के लिए वैक्सीन नहीं है। मरीजों को आराम करने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और पौष्टिक आहार लेने के साथ दर्द कम करने के लिए पैरासिटामोल दी जाती है।
जीका वायरस का देखा जाता रहा है प्रकोप | Mosquito Borne Diseases
जीका वायरस के प्रकोप की खबरें आप भी सुनते रहे होंगे। ये एडीज मच्छर से फैलता है। सामान्यत; इस रोग के कारण हल्का बुखार, आंखों में लालिमा (कंजक्टिवाइटिस), सिरदर्द, त्वचा पर लाल दाने और जोड़ों में दर्द की समस्या देखी जाती है। हालांकि ये गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए खतरनाक हो सकता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती हैं कि अगर गर्भवती महिला को जीका वायरस हो जाए तो बच्चे में माइक्रोसिफली जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है, जिसमें बच्चे का सिर और दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता। जीका का भी कोई विशेष इलाज या वैक्सीन नहीं है। मरीज को सिर्फ लक्षणों को कम करने वाली दवाइयां, आराम और पर्याप्त तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर बताते हैं, इन तीनों बीमारियों से बचाव ही एकमात्र कारगर तरीका है। इसके लिए मच्छरदानी का प्रयोग, पूरी बाजू के कपड़े पहनना और घर के आसपास पानी जमा न होने देना सबसे जरूरी है।