Belly Fat: सिर्फ लुक ही नहीं बिगाड़ती पेट पर जमा चर्बी, छीन सकती है ये भी शक्ति

Fat Effects On Body: बढ़ा हुआ पेट सिर्फ आपके लुक को ही नहीं खराब करता है, बल्कि ये आपकी सेहत और शख्सियत दोनों के लिए ठीक नहीं है। इसे ऐसे भी समझें कि शर्ट से बाहर आने को आतुर पेट सिर्फ एक फैशन प्रॉब्लम नहीं, एक गंभीर हेल्थ अलार्म भी है। पेट पर बढ़ी चर्बी (बेली फैट) को लेकर आपने अब तक यही सुना होगा कि इससे टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट और मेटाबॉलिक गड़बड़ियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन एक नए अध्ययन में कई और चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं, जिससे साफ होता है कि पेट निकलना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत समस्याकारक है।
हालिया शोध की रिपोर्ट से पता चलता है कि पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी सिर्फ अंदरूनी अंगों को ही नहीं, बल्कि हमारी पांच इंद्रियों में से तीन पर सीधा असर डाल सकती है। इससे आपके सुनने-देखने और भोजन का स्वाद लेने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आपका भी पेट निकला हुआ है तो इसपर गंभीरता से ध्यान देना और इसे कम करने का प्रयास बहुत जरूरी है। आम सी दिखने वाली ये समस्या असल में आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की दुश्मन साबित हो सकती है।
बेली फैट वाले लोगों में इन समस्याओं का खतरा ज्यादा | Fat Effects On Body
पेट निकलने को लंबे समय से आपके आहार और जीवनशैली की समस्या के संकेत के तौर पर देखा जाता रहा है। विसरल फैट (पेट की चर्बी) लिवर और हृदय जैसे महत्वपूर्ण अंगों के आसपास वसायुक्त ऊतकों का जमाव होता है। आमतौर पर ये उन कोशिकाओं से बनी होती है जो शरीर में विषैले रसायनों और हार्मोनों का स्राव करती है। यही कारण है कि बेली फैट वाले लोगों में इंफ्लेमेशन, हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
इसके कारण होने वाले अन्य दुष्प्रभावों को समझने के लिए अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने बताया है कि पेट की चर्बी स्वास्थ्य को और अधिक व्यापक रूप से प्रभावित कर सकती है। ऐसे लोगों में सुनने और देखने की क्षमता से लेकर मानसिक स्वास्थ्य और भोजन का ठीक से स्वाद लेने तक की समस्याएं विकसित हो सकती हैं।
अवसाद का खतरा भी अधिक | Fat Effects On Body
वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन वयस्कों के पेट पर अतिरिक्त चर्बी होती है, उनमें अवसाद का खतरा भी अधिक होता है। चीन के जियांग्या स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने 7,258 मध्यम आयु वर्ग के उन पुरुषों और महिलाओं को इस शोध में शामिल किया जिनका बॉडी राउंडनेस इंडेक्स (लंबाई की तुलना में कमर की परिधि का माप) अधिक था। ऐसे लोगों में डिप्रेशन होने की समस्या, सामान्य पेट वालों की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत ज्यादा थी।
वैज्ञानिकों ने बताया कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि फैट सेल्स, फ्री रेडिकल्स को बढ़ावा देती हैं। ये हानिकारक कण, आपको अच्छा महसूस कराने वाले रसायन- सेरोटोनिन के स्तर को कम करने के लिए जाने जाते हैं, जिससे आपको डिप्रेशन हो सकता है।
ब्रेन के कुछ हिस्सों में होता है स्थाई परिवर्तन | Fat Effects On Body
जर्नल प्लस वन में प्रकाशित एक अध्ययन में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 20 से 80 वर्ष की आयु के 10,000 स्वस्थ वयस्कों के हेल्थ डेटा और ब्रेन स्कैन एमआरआई का विश्लेषण किया। टीम ने पाया कि जिन लोगों के पेट पर ज्यादा चर्बी थी, उनके मस्तिष्क का वह हिस्सा अपेक्षाकृत छोटा था जो याददाश्त, एकाग्रता, योजना और निर्णय लेने की क्षमता को नियंत्रित करता है। हालांकि शोधकर्ताओं ने कहा कि निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि पेट की चर्बी इन मस्तिष्क परिवर्तनों का कारण बनती है, लेकिन पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि यह मस्तिष्क के ऊतकों में साइटोकाइन्स नामक सूजन पैदा करने वाले रसायनों के स्तर को बढ़ा देती है, जिससे ब्रेन के कुछ हिस्सों में स्थाई परिवर्तन हो सकता है।
सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता में भी कमी | Fat Effects On Body
इसी अध्ययन के अगले चरण में विशेषज्ञों की टीम ने 179 महिला प्रतिभागियों पर नजर रखी, जिनमें बहुत पतली से लेकर मोटी महिलाएं तक शामिल थीं। इनके सूंघने और स्वाद का परीक्षण किया गया। अध्ययन के परिणामों से पता चला कि जिन महिलाओं के पेट में चर्बी अधिक थी उन्हें सामान्य गंध और स्वाद पहचानने में ज्यादा मुश्किल हुई। इतना ही नहीं इससे आपकी सुनने की क्षमता भी खतरे में पड़ सकती है। कम से कम तीन अध्ययनों में पाया गया है कि कमर के आसपास चर्बी जमा होने से वयस्कों में सुनने की क्षमता कमजोर होने की आशंका ज्यादा होती है।
क्या आपको भी तो नहीं है खतरा? | Fat Effects On Body
अब सवाल है कि आप कैसे पता लगा सकते हैं कि पेट की चर्बी से आपकी सेहत को कोई खतरा तो नहीं है? इस बारे में ब्रिटेन स्थित अल्स्टर यूनिवर्सिटी में एंडोक्राइनोलॉजी के प्रोफेसर एलेक्स मिरास कहते हैं, इसका सबसे आसान तरीका है अपनी कमर के माप की तुलना अपनी लंबाई से करना। अगर आपकी कमर का मा आपकी लंबाई के आधे से भी कम है, तो आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।