Bhadrasana Yoga: शरीर के इन हिस्सों के लिए जरूरी है भद्रासन, महिलाओं को फायदा ही फायदा

Bhadrasana Yoga Benefits: शरीर और मन को स्वस्थ रखने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है योग. ऐसा ही एक सरल योगासन है ‘भद्रासन’, जो खासतौर पर महिलाओं के लिए फायदेमंद है. यह आसन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. रोजाना कुछ मिनट भद्रासन करने से तनाव कम होता है और कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं. भद्र यानी शुभ और आसन यानी बैठने की मुद्रा से मिलकर बना यह आसन शरीर को मजबूती देता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस आसन का जिक्र करते हुए बता चुके हैं कि भद्रासन से शरीर मजबूत होता है.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है. यह मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने, गुर्दे, यूरीन स्टोर करने वाली थैली और प्रोस्टेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी प्रभावी है. महिलाओं के लिए भद्रासन विशेष रूप से फायदेमंद है. गर्भवती महिलाओं के लिए यह आसन कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे प्रसव आसान होता है. यह पीरियड्स की तकलीफों को कम करने और टेंशन को दूर करने में भी मदद करता है.
एकाग्रता बढ़ाने का कार्य करने के सक्षम | Bhadrasana Yoga Benefits
भद्रासन के नियमित अभ्यास से जांघ, घुटने और कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है और दर्द की शिकायत कम होती है. यह पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है, जिससे कब्ज, वात के साथ ही पेट की अन्य समस्याएं भी दूर होती हैं. यह आसन एकाग्रता बढ़ाता है, दिमाग तेज होता है और सिरदर्द, कमर दर्द, नींद की कमी जैसी समस्याओं में राहत देता है. यह जोड़ों को मजबूत करता है और घुटने के दर्द को कम करने में भी कारगर है.
कैसे करें भद्रासन? | Bhadrasana Yoga Benefits
जमीन पर पालथी मारकर बैठें. दोनों पैरों के तलवे आपस में मिलाएं और हाथों से पैरों को पकड़ें. कोहनियों से घुटनों पर हल्का दबाव डालें, ताकि वे जमीन की ओर जाएं. रीढ़ को सीधा रखें, कंधों को ढीला छोड़ें और सामने देखें. गहरी सांस लें और 2-5 मिनट तक इस मुद्रा में रहें. भद्रासन महिलाओं के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का खजाना है. इसके नियमित अभ्यास से कई समस्याएं दूर होती हैं. हालांकि, एक्सपर्ट कुछ सावधानियां भी बरतने की सलाह देते हैं, जिसके अनुसार इसे खाली पेट करें. घुटने या कूल्हों में गंभीर दर्द हो तो डॉक्टर की सलाह लें. शुरुआत में ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए और अभ्यास का समय धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए.