स्वास्थ्य और बीमारियां

Budget 2025 में आम लोगों के लिए बड़ी राहत, सभी सरकारी अस्पतालों में बनेंगे डे केयर कैंसर सेंटर

Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी) को संसद में अपना 8वां बजट और मोदी सरकार 3.0 का पहले बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने मेडिकल क्षेत्र के लिए कई बड़े ऐलान किए, जिनमें घातक बीमारी कैंसर का नाम विशेष रूप से शामिल रहा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि कैंसर हॉस्पिटल में डे-केयर की शुरुआत की जाएगी, जिससे कैंसर मरीजों की खास देखभाल हो सके।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कैंसर इतनी खतरनाक और जानलेवा बीमारी है कि वह मरीज और उसके घरवालों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक सभी तरफ से नुकसान पहुंचाती है। लेकिन अब सरकार की तरफ से कैंसर हॉस्पिटल में डे-केयर स्थापित की जाएगी, जिसके जरिए इलाज के साथ-साथ मरीज और उनकी फैमिली को मनोवैज्ञानिक सहायता और व्यावहारिक सहायता भी दी जाएगी। डे केयर सेंटर रोगियों को उसी दिन इलाज करवाने और घर जाने की अनुमति देते हैं, जिससे उन्हें तेजी से ठीक होने और समय और पैसे बचाने में मदद मिल सकती है।

क्‍या होता है कैंसर डे केयर सेंटर? (What is Cancer Day Care Center)

कैंसर डे केयर सेंटर कीमोथेरेपी इन्फ्यूजन की सुविधा देते हैं, जिसे किसी निजी लाउंज या कॉमन एरिया में दिया जा सकता है। डे केयर सेंटर रोगियों और उनके परिवारों को कैंसर की चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए परामर्श और अन्य सहायता प्रदान करते हैं। डे केयर सेंटर रोगियों को साइड इफेक्ट को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं और मालिश या एक्यूपंक्चर जैसी मेडिकल सहायता देता है। भारत में पहले से कई कैंसर डे केयर सेंटर चल रहे हैं।

सभी सरकारी अस्‍पतालों में होंगे कैंसर देखभाल केंद्र

निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि अगले तीन साल में देश के सभी जिलों में कैंसर डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे। अगले फाइनेंशियल ईयर में ही ऐसे 200 सेंटर बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार राज्यों के सहयोग से गांवों में आम लोगों के कल्याण के लिए स्वास्थ सुरक्षा देते हुए इस बजट में 200 कैंसर डे केयर केंद्र खोले जाने की घोषणा की गई है। इससे गांव के मरीजों शुरुआती चेकअप में सहायती मिलेगी।

मरीजों को क्या-क्या फायदे मिलेंगे?

इन केंद्रों के कारण कैंसर के मरीजों का रूटीन ब्रेक नहीं होगा और उनकी लाइफस्टाइल बाधित नहीं होगी। दिन में इलाज के बाद शाम को वापस घर लौट सकेंगे। मरीजों को उनके शहर और घर के नजदीक ही कैंसर का बेहतर इलाज मिल सकेगा। कैंसर की विशेष सुविधा होने के कारण इलाज में वेटिंग की समस्या दूर होगी। भारत और विदेश में इसका जो कॉन्सेप्ट है, उससे साफ है कि इससे मरीजों के खर्च में बचत होगी। मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी, इसलिए हॉस्पिटलाइजेशन के लिए होने वाला खर्च बचेगा। कम से कम समय में मरीजों को इलाज मिलेगा और इसका सकारात्मक उनके मर्ज पर पड़ेगा, रिकवरी तेज हो सकेगी।

भारत में कहां-कहां डे केयर कैंसर सेंटर की सुविधा?

भारत में प्राइवेट सेक्टर के कई अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर मौजूद हैं, जैसे- राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इसके लिए 50 अलग बेड हैं। सीके बिड़ला हॉस्पिटल में कीमो डे केयर की सुविधा दी जाती है। साथ ही यहां कीमोथैरेपी ड्रग डिलीवरी के लिए प्राइवेट लाउंज बनाया गया है। इसके अलावा एचसीजी ऑन्कोलॉजी, ICTC इंडियन कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर और हेड एंड नेक कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में भी डे केयर की सुविधाएं हैं।

कैंसर रोगियों की दवा पर भी राहत

वित्त मंत्री ने कैंसर और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित रोगियों को राहत प्रदान करते हुए 36 जीवन रक्षक दवाओं की बेसिक सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दे दी है। इसके अलावा 6 अन्य जीवन रक्षक दवाओं को रियायती छूट दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि रोगियों, विशेष रूप से कैंसर और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए मैं 36 जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह से सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं।

भारत में कैंसर मरीज

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में भारत में कैंसर के 14,61,427 मामले सामने आए थे और 2025 के अंत तक इसमें 12.8 फीसदी की बढ़ोतरी होने की आशंका है। ऐसे में वित्त मंत्री की डे केयर कैंसर सेंटर को खोलने की घोषणा मरीजों को राहत देने का काम करेगी।

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