तमिलनाडु फूड सेफ्टी विभाग ने चेन्नई के माधवरम इलाके में एक रिटेल आउटलेट को सील कर दिया है, जहां बॉटल में ब्रेस्ट मिल्क बेचा जा रहा था। विभाग ने पूरे राज्य में जांच शुरू की है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं और भी तो बॉटल में ब्रेस्ट मिल्क नहीं बेचा जा रहा है।
तमिलनाडु फूड सेफ्टी विभाग ने यह कार्रवाई तब की, जब उन्हें 21 मई को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की टीम से सूचना मिली। 31 मई को विभाग ने दुकान पर छापा मारा और पाया कि 50 मिलीलीटर ब्रेस्ट मिल्क 500 रुपये में बेचा जा रहा था। दुकानदार ने बॉटल पर ब्रेस्ट मिल्क का लेबल लगा रखा था।
FSSAI ने इस रिटेल आउटलेट को प्रोटीन पाउडर बेचने का लाइसेंस जारी किया था, लेकिन ब्रेस्ट मिल्क बेचने की अनुमति नहीं थी।
तमिलनाडु फूड और सेफ्टी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने रिटेल आउटलेट को सील कर दिया है और उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है। इसके बाद, तमिलनाडु फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी पूरे राज्य में निरीक्षण कर रहे हैं। विभाग ने आम जनता से अनुरोध किया है कि अगर वे किसी दुकान या सुपरमार्केट में बॉटल में ब्रेस्ट मिल्क बिकते हुए देखें तो विभाग को सूचित करें।
अधिकारियों ने बताया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने इस मामले की रिपोर्ट करने के लिए संबंधित अधिकारियों का संपर्क नंबर भी साझा किया है। लोग चेन्नई के फूड सेफ्टी अधिकारी पी. सतीश कुमार को 9444042322 पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क के फायदे
स्तनपान न केवल बच्चे के लिए, बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है। यह एक प्राकृतिक और स्वस्थ तरीका है जिससे बच्चे को वह पोषण मिलता है जिसकी उसे जरूरत होती है। स्तनपान कराने से मां और बच्चे दोनों को कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
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बच्चे के लिए लाभ
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है: स्तनपान में एंटीबॉडी और अन्य प्रतिरक्षा कारक होते हैं जो बच्चे को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
- पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है: स्तनपान में मौजूद पोषक तत्व बच्चे के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- एलर्जी और अस्थमा के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाले बच्चों में एलर्जी और अस्थमा विकसित होने का खतरा कम होता है।
- मोटापे और मधुमेह के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाले बच्चों में मोटापे और मधुमेह विकसित होने का खतरा कम होता है।
- कान के संक्रमण और दस्त के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाले बच्चों में कान के संक्रमण और दस्त होने का खतरा कम होता है।
- अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाले बच्चों में एसआईडीएस का खतरा कम होता है।
मां के लिए लाभ
- स्तन कैंसर और अंडाशय के कैंसर के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर और अंडाशय के कैंसर का खतरा कम होता है।
- टाइप 2 मधुमेह के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाली महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा कम होता है।
- हृदय रोग के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाली महिलाओं में हृदय रोग विकसित होने का खतरा कम होता है।
- अंडाशय के कैंसर के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाली महिलाओं में अंडाशय के कैंसर का खतरा कम होता है।
- वजन कम करने में मदद करता है: स्तनपान कराने से मां को वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
- प्रसवोत्तर अवसाद के खतरे को कम करता है: स्तनपान कराने वाली महिलाओं में प्रसवोत्तर अवसाद विकसित होने का खतरा कम होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन सिफारिश करता है कि माताएं अपने बच्चों को छह महीने तक विशेष रूप से स्तनपान कराएं और फिर दो साल तक या उससे अधिक समय तक स्तनपान जारी रखें, साथ ही पूरक आहार भी दें। यदि आप स्तनपान कराने के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहती हैं, तो आप अपने डॉक्टर या किसी अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से बात कर सकती हैं। स्तनपान एक ऐसा उपहार है जो आप अपने बच्चे को दे सकती हैं। यह न केवल आपको बल्कि आपके बच्चे को भी स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।