वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की है. जिसमें उन्हें अपने पोर्टल और प्लेटफॉर्म पर बॉर्नविटा समेत कई ऐसे ड्रिंक जिन्हें ‘हेल्थ ड्रिंक’ के नाम पर बेचा जाता है, उन्हें इस कैटेगरी से हटाने का निर्देश दिया है.
दरअसल, NCPCR ने जब बॉर्नवीटा की जांच की तो पाया कि उसमें शुगर का लेवल तय सीमा से काफी ज्यादा है. जिसे पीने से उल्टा सेहत खराब हो सकती है. इस जांच के सामने आने के बाद सरकार ने यह फैसला सुनाया है.
मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स एक्ट के मुताबिक, NCPCR ने अपनी जांच में खास निर्देश दिए हैं कि फएसए एक्ट के तहत हेल्थ ड्रिंक की परिभाषा स्पष्ट नहीं दी गई है. इसलिए सभी ई-कॉमर्स कंपनियों और पोर्टल को बॉर्नवीटा समेत सभी तरह के ड्रिंक एवं बेवरेजेस को हेल्थ ड्रिंक कैटेगरी से हटाना होगा.
Bournvita में बहुत ज्यादा मात्रा में चीनी
सरकार का कहना है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने एक सरकारी आयोग (NCPCR) ने अपनी जांच में पाया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के नियमों में ‘हेल्थ ड्रिंक’ को परिभाषित नहीं किया गया है. ये जांच Bournvita में बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर पाए जाने के बाद शुरू की गई थी.
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NCPCR ने पहले भी FSSAI से ऐसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी जो सेहत के लिए ठीक नहीं होते, फिर भी उन्हें ‘हेल्थ ड्रिंक’ बताकर बेचा जाता है.
इसी महीने सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियां जो हेल्थ और एनर्जेटिक ड्रिंक के नाम पर जूस बेचती हैं, उन पर शिकंजा कसा है. सरकार ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर खास निर्देश दिए हैं कि वह हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर जूस न बेंचे. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी वेबसाइट पर बेचने वाले फूड प्रोडक्ट्स का सही तरीके से सेगमेंट करें.
कस्टमर्स को गुमराह नहीं करना चाहिए. एनर्जी ड्रिंक की सेल हर साल 50 फीसदी सलाना की दर से तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. युवा इसका इस्तेमाल ज्यादा करते हैं जोकि काफी ज्यादा चिंताजनक है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यह एक गंभीर समस्या पैदा कर सकती है. एफएसएसएआई ने भी इसे गंभीर बताया है.
किसी प्रोडक्ट को ‘हेल्थ ड्रिंक’ बताना नियमों का उल्लंघन
गौर करने वाली बात ये है कि भारत के खाद्य कानून में अभी तक ‘हेल्थ ड्रिंक’ को परिभाषित नहीं किया गया है और ऐसे किसी प्रोडक्ट को ‘हेल्थ ड्रिंक’ बताना नियमों का उल्लंघन है. FSSAI ने भी इसी महीने ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया था कि वो दूध या मॉल्ट से बने पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ ना बताएं.
इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब एक यूट्यूबर ने अपने वीडियो में Bournvita की आलोचना की थी. उनका कहना था कि Bournvita में बहुत ज्यादा चीनी, कोकोआ और खतरनाक रंग हैं जो बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.