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Gym में वर्कआउट के दौरान ऐसे चेक करें अपनी हार्ट बीट, नहीं होगा कोई भी खतरा!

अक्‍सर लोग जिम में घंटों पसीना बहाते हैं, जिससे उनके मसल्स बन जाएं। मगर, जिस शरीर को फिट करने निकले हैं, कहीं वो अंदर से थक तो नहीं रहा? अक्सर जिम में एक्सरसाइज के दौरान वजन, टाइमिंग और कैलोरीज पर तो ध्यान दिया जाता है, लेकिन दिल की धड़कन, जो हमारे शरीर का असली इंजन है, उसे नज़रअंदाज़ कर बैठते हैं। हार्टबीट केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि यह बताती है कि आपकी बॉडी सही तरीके से रिस्पॉन्ड कर रही है या ओवरलोड हो रही है।

अगर आप जिम में अपनी हार्टबीट सही तरीके से मॉनिटर करना सीख लें तो ना सिर्फ आप बेहतर रिजल्ट पा सकते हैं, बल्कि किसी भी हार्ट-रेलेटेड खतरे से बचा सकते हैं। एक्सरसाइज के दौरान हमारी हार्ट रेट बढ़ती है, जो स्वाभाविक है। लेकिन, अगर ये तय सीमा से ज्यादा हो जाए तो शरीर पर जोर बढ़ता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी स्थितियां बन सकती हैं। इसलिए, वर्कआउट के दौरान अपनी धड़कन पर नजर रखना न सिर्फ समझदारी है, बल्कि जान बचाने वाला फैसला भी हो सकता है।

कैसे पता करें सही हार्ट बीट?

अगर आपकी उम्र 30 साल है तो आपकी हार्टबीट रेंज 114 से 161 बीपीएम होनी चाहिए, इससे अधिक होने पर आपको काफी दिक्कत हो सकती है। इसे जानने के लिए बस आपको फिटनेस ट्रैकर या स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करना होगा। आजकल लगभग हर स्मार्टवॉच में हार्ट रेट मॉनिटर होता है। इसे पहनकर रियल टाइम में बीपीएम देखा जा सकता है।

कब सावधान होने की जरूरत है?

अगर बिना ज्यादा मेहनत के भी हार्टबीट बहुत तेज हो जाए।

चक्कर, पसीना या सांस फूलना लगे।

हार्ट रेट 90% से ज्यादा पहुंच जाए।

एक्सरसाइज के बाद हार्टबीट का नेचुरल तरीके से शांत होना जरूरी है।

सतर्कता है बहुत जरूरी

एक हेल्दी हार्ट एक्सरसाइज के बाद कुछ मिनटों में धीरे-धीरे नॉर्मल हो जाता है। अगर ऐसा नहीं हो रहा तो यह शरीर पर दबाव डाल रहा है। अगर आपके साथ ऐसा हो तो तुरंत एक्सरसाइज करना बंद कर दें और डॉक्टर से बातचीत करें। क्योंकि, फिटनेस सिर्फ बाहर से अच्छा दिखने का नाम नहीं, अंदर से मजबूत रहने की भी जरूरत है और जब बात दिल की हो, तो थोड़ी सी सतर्कता लंबी उम्र की गारंटी बन सकती है।

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