केवल फसल व उत्पाद के समय हानिकारक कीटनाशकों का प्रयोग नहीं बढ़ रहा है, बल्कि फल व सब्जियों को पकाने में भी प्रतिबंधित रसायनों का उपयोग बढ़ रहा है। यह उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत अनुचित व्यापारिक व्यवहार में आता है। उसके अलावा उपभोक्ता के सुरक्षा के अधिकार का भी हनन है।
आम, केला व पपीता जैसे फल घातक व प्रतिबंधित रसायनों व गैस से पकाए जाते हैं। कई सब्जियों में भी घातक रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है। इनके उपयोग से उपभोक्ताओं को गंभीर बीमारियां हो रही हैं और कई तो जानलेवा हैं। उपभोक्ता नुकसान की स्थिति में इलाज व अन्य खर्च और पूरी क्षतिपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण कानून के जरिए परिवाद दायर कर प्राप्त कर सकता है।
इन रसायनों से होने वाले नुकसान
कैंसर का खतरा : इन रसायनों में मौजूद हानिकारक तत्व कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
पाचन तंत्र पर बुरा असर : इन रसायनों से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे पेट दर्द, दस्त, उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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एलर्जी : इन रसायनों से एलर्जी भी हो सकती है जिससे त्वचा पर लालिमा, खुजली, और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं : इन रसायनों का हमारे दिमाग और तंत्रिका तंत्र पर भी बुरा असर पड़ सकता है जिससे सिरदर्द, चक्कर आना और याददाश्त कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इन रसायनों से बचाव कैसे करें
जैविक फल-सब्जियां खरीदें : जैविक फल-सब्जियां हानिकारक रसायनों से मुक्त होती हैं।
स्थानीय किसानों से खरीदें : स्थानीय किसानों से खरीदने से आपको ताज़े और रसायनमुक्त फल-सब्जियां मिल सकती हैं।
फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोएं : फल-सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह धो लें।
फलों के छिलके उतारकर खाएं : फल-सब्जियों में रसायन सबसे ज्यादा छिलके पर जमा होते हैं, इसलिए छिलके उतारकर खाना बेहतर होता है।