Chest infection एक प्रकार का सांस से संबंधित संक्रमण है जिसका प्रभाव श्वससन मार्ग के निचले हिस्से पर पड़ता है। श्वसन मार्ग के निचले हिस्से में श्वास नली, ब्रोंकाई और फेफड़े आते हैं। दो मुख्य प्रकार के चेस्ट इंफेक्शन होते हैं जिनमें निमोनिया और ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। चेस्ट इंफेक्शयन के लक्षणों में सूखी या बलगम वाली खांसी, घरघराहट, पीला या हरे रंग का बलगम आना, सांस फूलना, सीने में दिक्कत महसूस होना, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं।
अब बात करते हैं इसके कारणों के बारे में, बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण चेस्ट इंफेक्शन हो सकता है। संक्रमण के प्रकार पर ही इसका कारण निर्भर करता है। चेस्ट इंफेक्शन से ग्रस्त व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकली संक्रमित बूंदों के संपर्क में आने पर आप भी इस संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं।
इसके अलावा वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमण जगहों पर जाने के बाद मुंह या चेहरे को छूने पर संक्रमण फैल सकता है। बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिला, शिशु या बच्चों, सिगरेट पीने वालों या किसी गंभीर स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति जैसे कि क्रोनिक ओब्ट्रक्टिव, पल्मनमोनरी डिसऑर्डर, अस्थमा या डायबिटीज के मरीजों में चेस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। अब चेस्ट इन्फेक्शन के बारे में एक्सपर्ट से समझते हैं।
एक्सपर्ट के रूप में आरोग्य इंडिया से जुड़े हैं डॉक्टर एन बी सिंह। बता दें कि डॉ एनबी सिंह लखनऊ स्थित बलरामपुर हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हैं। जो आपको चेस्ट इन्फेक्शन के लक्षणों को और इसके प्रकार के बारे में बतायेंगे। साथ ही यह भी जानते हैं कि इसका इलाज किस प्रकार से किया जाता है।
इंफेक्शन किसी विषाणु या बैक्टीरिया से होता है। चेस्ट का इंफेक्शन किसी भी प्रकार का हो सकता है, बैक्टीरियल, वायरल और फंगल। इसके लक्षणों में सिंपल कफ, ड्राई कफ, सीने में दर्द, प्लेन कफ, सांस लेने में दिकक्त, खांसी में ब्लड और फीवर भी हो सकता है। इसका पता लगाने के लिए खून की जांच, बलगम की जांच, सीने का एक्सरा और ज्यादा सीरियस होने पर सीने का सीटी स्कैन कराया जाता है। जांच की रिपोर्ट आने पर जो संक्रमण पाया जाता है, उसी हिसाब से इलाज किया जाता है।
चेस्ट इन्फेक्शन के बारे में डॉ एनबी सिंह का क्या कहना है?..
वायरल इंफेक्शन में इंफ्लुएंजा वायरस, स्वाइन वायरस, कोविड वायरस की वजह से बीमारियां होती हैं। निमोनिया भी वायरल होती है, क्योंकि इसमें तमाम तरह के वायरस होते हैं। वायरल इंफेक्शन बहुत तेजी से फैलता है और यह दोनों लंग्स को अपनी चपेट में लेता है। बैक्टीरियल में जो इंवाल्वमेंट होता है उसमें यूनि लेटरल होता है। बैक्टीरियल निमोनिया बहुत ज्यादा कॉमन नहीं है, ज्यादातर यूनिलेटरल ही है।
क्या दूषित वातावरण चेस्ट इन्फेक्शन का सबसे प्रमुख कारण है?
एनवायरमेंट कंडीशन जैसे बहुत ज्यादा ठंडी आ गई है, या बहुत ज्यादा गर्मी आ गई है या फिर बहुत जल्दी-जल्दी मौसम में बदलाव हो रहा है तो ये बीमारियों का कारण बनते हैं। एनवायरमेंट में आजकल बहुत ज्यादा केमिकल गैसे आ गई हैं जो बीमारियों का कारण होती हैं।