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ठंड के मौसम में सर्दी-खांसी करती है परेशान, Doctor से जानें कैसे करें अपना बचाव?

ठंड के मौसम में अक्‍सर लोग सर्दी, खांसी और गले में खराश जैसी परेशानियों के शिकार होने लगते हैं। इस मौसम में यह परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि खांस-खांस कर लोगों का बुरा हाल हो जाता है। इस कारण कई बार लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। ऐसे में अगर आप भी इन मौसमी समस्याओ से गुज़र रहे हैं तो शारदा अस्पताल में स्थित सीनियर कंसल्‍टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्‍टर श्रेय श्रीवास्तव बता रहे हैं कि आखिर सर्दियों के मौसम में गले में संक्रमण क्यों होता है और बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए?

सर्दी का मौसम शुरू होते ही तापमान में कम होने लगता है, जिससे गले में संक्रमण, सर्दी-जुकाम और खांसी होना आम है। सर्दियों के मौसम में बहने वाली प्रदूषित हवाओं की वजह से हमारे श्वसन तंत्र पर बुरा पराभव पड़ता है, जिससे गले में संक्रमण तेजी से फैलता है। शुष्क और ठंडी हवा गले की परत को परेशान कर सकती है, जिससे इसका प्राकृतिक रक्षा तंत्र कमज़ोर हो जाता है। इसके अलावा सर्दियों के दौरान, लोग बंद जगहों पर ज़्यादा समय बिताते हैं, जिससे हवा में वायरस फैलने का जोखिम बढ़ जाता है।

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले हो जाएं सावधान

जब तामपमान कम होता है तो इस वजह से कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग मौसमी वायरस जैसे सर्दी या इन्फ्लूएंजा की चपेट में सबसे पहल आते हैं। साथ ही, शुष्क और ठंडी हवा में कम नमी नाक के मार्ग को ड्राई करती है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से प्रवेश करते हैं। ऐसे में पहले से सांस संबंधी समस्याओं या कमज़ोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को विशेष रूप से गले के संक्रमण और उससे जुड़े लक्षणों का खतरा होता है।

ऐसे करें अपना बचाव

गले के इंफेक्शन या सर्दी खांसी को रोकने के लिए सबसे ज़रूरी है कि आप अपने आसपास हाइजीन बनाए रखें।

जब भी बाहर जाएं गर्म कपड़े पहकर जाएं। घर में भी गर्म कपड़े पहन।

नियमित रूप से हाथ धोने से बैक्टीरिया का प्रसार कम होता है।

अपने गले को नम और सुरक्षित रखने के लिए खुद को हाइड्रेटेड रखें।

गरारे करने के लिए गुनगुने नमक वाले पानी का इस्तेमाल करें।

इसके अलावा अपनी डाइट में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतुलित आहार प्रतिरक्षा को मजबूत करता है।

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और अचानक ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचना भी मददगार हो सकता है।

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