Covid Variant XEC: कोरोना महामारी का जोखिम अब भी कम नहीं हुआ है। वैक्सीनेशन के चलते वर्तमान में गंभीर जटिलताएं कम देखी जा रही हैं पर समय-समय पर बढ़ते संक्रमण के मामले चिंता का कारण बने हुए हैं। इन दिनों कोरोना एक नए वेरिएंट एक्सईसी के साथ वापस लौट आया है। कई यूरोपीय देश इससे प्रभावित देखे जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि संक्रमण के मामले अन्य महाद्वीपों में भी बढ़ सकते हैं इसलिए सभी देशों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। बता दें कि ये नया वेरिएंट 27 से अधिक देशों में रिपोर्ट किया जा चुका है।
एक्सईसी के बारे में वैसे तो ज्यादा जानकारी नहीं है, हालांकि विशेषज्ञों द्वारा किए गए प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि ये शरीर में बनी प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से चकमा देकर संक्रमण फैला सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले या फिर पहले से कोमोरबिडिटी के शिकार लोगों के लिए ये खतरनाक भी हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नए वेरिएंट से बचने के लिए फिर से टीका लगवाने की जरूरत है?
प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देता है नया वेरिएंट | Covid Variant XEC
नए एक्सईसी वेरिएंट को लेकर जारी एक रिपोर्ट में कोविड डेटा विश्लेषक माइक हनी ने बताया कि डेनमार्क और जर्मनी में इसके कारण संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि हुई है। नियमित परीक्षण में कमी के कारण कोविड का वास्तविक डेटा नहीं पता चल पाया है पर ये कहीं अधिक हो सकता है। माना जा रहा है कि दुनिया की बड़ी आबादी कोविड वैक्सीन लेकर शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुकी है। हालांकि संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों से स्पष्ट होता है कि नया वेरिएंट आसानी से प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देकर लोगों को संक्रमित कर रहा है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट फैमिली का ही सदस्य है XEC | Covid Variant XEC
रिपोर्ट में कहा गया है कि XEC ओमिक्रॉन वेरिएंट फैमिली का ही सदस्य है, ये संक्रामक जरूर है पर वैक्सीनेशन करा चुके लोगों में गंभीर रोगों का कारण नहीं बन रहा है। टीकों को अभी भी गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने वाला पाया जा रहा है। हालांकि बुजुर्ग और कोमोरबिडटी वाले लोग, जिन्हें संक्रमण के कारण अधिक जोखिम रहता है उन्हें अपडेटेड वैक्सीन शॉट देकर अतिरिक्त सुरक्षित करना जरूरी है। गौरतलब है कि ओमिक्रॉन के समय-समय पर देखे जा रहे नए वेरिएंट्स और इसके जोखिमों के कारण कई देशों में 60 से अधिक उम्र के लोगों को अपडेटेड वैक्सीन की बूस्टर डोज दी गई है।
अपडेटेड बूस्टर शॉट कारगर | Covid Variant XEC
सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की रिपोर्ट में टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने SC27 नामक एक एंटीबॉडी की पहचान की है जिसमें कोरोनावायरस के सभी ज्ञात प्रकारों से मुकाबले की क्षमता देखी गई है। वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण के शिकार कुछ लोगों के प्लाजमा की जांच में इस एंटीबॉडी की पहचान हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि टीकाकरण से शरीर में इस तरह की एंटीबॉडी विकसित हुई हैं जो गंभीर रोगों से लोगों को सुरक्षित रखती हैं। इसपर अगर कमजोर प्रतिरक्षा वालों को अपडेटेड बूस्टर शॉट दे दिया जाए तो उन्हें संक्रमण से और सुरक्षित किया जा सकता है।
कोविड-19 का नवीनतम टीका जरूरी | Covid Variant XEC
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के सुझावों के मुताबिक छह महीने या उससे अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड-19 का नवीनतम टीका लगवाना चाहिए। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञानी और प्रोफेसर एमिली स्मिथ कहती हैं, कोरोना के तमाम नए वेरिएंट्स या नई लहरों के प्रकोप को कम करने के लिए हम जो मुख्य काम कर सकते हैं, वह है बूस्टर शॉट लगवाना। आम तौर पर, हम पाते हैं कि बूस्टर वैक्सीन हमें नए वेरिएंट के खिलाफ व्यापक सुरक्षा प्रदान करती है। बुजुर्गों के लिए ये और भी जरूरी है। इसके अलावा हम सभी को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए, ये समझते हुए कि कोरोना, फ्लू वायरस की तरह हमेशा हमारे आसपास ही रहने वाला है।