Diabetes Patients Problems: टाइप-2 डायबिटीज तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। साल 2022 में दुनियाभर में 83 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह से पीड़ित थे। 183 देशों में मधुमेह के 90% से ज्यादा मामले टाइप-2 डायबिटीज के हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर को कई प्रकार से प्रभावित कर सकती है। अगर इसपर समय रहते ध्यान न दिया जाए और डायबिटीज की दिक्कत (ब्लड शुगर) बढ़ी रहे तो इसका आंखों, किडनी और तंत्रिकाओं पर असर हो सकता है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज की समस्या रही हो उन्हें इस बीमारी के खतरे को लेकर और भी सावधान रहना चाहिए।
डायबिटीज रोगियों में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को समझने के लिए हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि समय के साथ मधुमेह पीड़ितों में कुछ जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने लगती है जिसका सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है। वैश्विक स्तर पर किए गए इस अध्ययन का अनुमान है कि मधुमेह रोगियों में विटामिन-डी की कमी सबसे आम है इसके बाद मैग्नीशियम की भी कमी का खतरा देखा जाता रहा है। ये दोनों ही पोषक तत्व अच्छी सेहत के लिए आवश्यक माने जाते हैं।
सावधान हो जाएं डायबिटीज रोगी | Diabetes Patients Problems
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) न्यूट्रिशन प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित वैश्विक विश्लेषण में डायबिटीज रोगियों में इन दो जरूरी पोषक तत्वों की बढ़ती कमी को लेकर सावधान किया गया है। शोध में पाया गया है कि मधुमेह से पीड़ित 60 प्रतिशत से अधिक लोगों में विटामिन-डी की कमी हो सकती है। विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत रखने के साथ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी माना जाता है। इसके अलावा मधुमेह से पीड़ित 42 प्रतिशत लोगों में मैग्नीशियम की कमी देखी जा रही है। मैग्नीशियम एक आवश्यक खनिज है जो हड्डियों, मांसपेशियों, नसों और रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
अध्ययन में क्या पता चला? | Diabetes Patients Problems
साल 1998 से 2023 के बीच 52,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करते हुए करीब 132 अध्ययनों का विश्लेषण किया गया। इसमें डायबिटीज रोगियों में होने वाली पोषक तत्वों की कमी पर समय रहते ध्यान देने पर जोर दिया गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च (आईआईएचएमआर) के शोधकर्ताओं ने कहा, मधुमेह की जटिलताओं को कम करने के लिए रोगियों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पर ध्यान दिया जाना चाहिए। डायबिटीज वाले 28 प्रतिशत लोग आयरन की कमी से भी पीड़ित हैं। टीम ने पाया कि मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है, जो उनकी सेहत को और भी गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली हो सकती है।
डायबिटिक रोगियों को खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत | Diabetes Patients Problems
अध्ययनों से पता चला है कि सूक्ष्म पोषक तत्व डायबिटीज और इसके कारण होने वाली कई दिक्कतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन संवेदनशीलता को ठीक रखने में भी इसकी भूमिका होती है। विश्लेषण में यह भी पाया गया कि विटामिन-बी12 की कमी भी वैश्विक स्तर पर 29 प्रतिशत मधुमेह रोगियों को प्रभावित करती है और यह मेटफॉर्मिन नामक डायबिटीज की दवा लेने वालों में और भी अधिक है। शोधकर्ताओं ने कहा, जोखिमों को समझते हुए सभी डायबिटिक रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टरी सलाह पर सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना भी कठिन हो जाता है।
विटामिन-डी और मैग्नीशियम की कमी से क्या होता है? | Diabetes Patients Problems
विशेषज्ञों ने बताया मधुमेह की समस्या शरीर को अंदर ही अंदर खोखला बनाती जाती है, ऐसे में विटामिन-डी की कमी होने के कारण भविष्य में हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन-डी की कमी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को भी बाधित करने वाली हो सकती है जो हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक है। इसी तरह मैग्नीशियम की कमी से टाइप-2 डायबिटी हो सकती है और यह डायबिटीज के लक्षणों को भी बढ़ाने वाली समस्या है। मैग्नीशियम की कमी उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोपोरोसिस और किडनी की दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है।