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क्या आपको भी लगती है ज्यादा गर्मी? जानिए शरीर में किस चीज की है कमी?

Reason Of Feeling Excessive Heat: भारत समेत दुनिया के कई देशों में गर्मी काफी तेजी से बढ़ रही है. कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि ज्यादा गर्मी की वजह सिर्फ पर्यावरणीय कारण नहीं है, बल्कि इसकी वजह हमारे शरीर में कुछ जरूरी तत्वों की कमी और शारीरिक प्रक्रियाओं के असंतुलन भी हो सकता है. आइए जानते हैं कि कुछ लोगों को हद से ज्यादा गर्मी क्यों लगती है? शरीर में किन चीजों की कमी से ऐसा होता है?

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गर्मी से हर साल इतने लोग गंवाते हैं जान | Reason Of Feeling Excessive Heat

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2000-2019 के बीच हर साल लगभग 4,89,000 लोगों ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण अपनी जान गंवाई. इनमें 45 फीसदी मामले एशिया में सामने आए. भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देशों में यह समस्या और ज्यादा गंभीर हो जाती है.

ज्यादा गर्मी क्यों होती है महसूस? | Reason Of Feeling Excessive Heat

ज्यादा गर्मी लगने को चिकित्सकीय रूप से हीट इंटॉलरेंस कहा जाता है. ऐसा तब होता है, जब शरीर सामान्य तापमान को सहन करने में असमर्थ हो जाता है. ऐसा होने के पीछे डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, हार्मोनल बदलाव या पुरानी बीमारियों का प्रभाव आदि कारण होते हैं. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि शरीर में कुछ खास पोषक तत्वों और प्रक्रियाओं की कमी इस समस्या को ज्यादा बढ़ा सकती है.

किन चीजों की कमी से लगती है ज्यादा गर्मी? | Reason Of Feeling Excessive Heat

पसीने की कमी: शरीर का तापमान नियंत्रण मुख्य रूप से पसीने के माध्यम से होता है. जब शरीर में पानी की कमी होती है तो पसीना कम बनता है, जिससे शरीर गर्मी को बाहर नहीं निकाल पाता. एक स्टडी के अनुसार, डिहाइड्रेशन से ब्लड का फ्लो कम हो जाता है, जिसकी वजह से दिल पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है. यह स्थिति गर्मी के मौसम में ज्यादा खतरनाक हो सकती है.

इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: पसीने के साथ शरीर से सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे अहम इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाते हैं. ये इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर के तापमान नियंत्रण और मांसपेशियों के कार्य में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं. इनकी कमी से हीट क्रैम्प्स, हीट एग्जॉर्शन और यहां तक कि हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

विटामिन और मिनरल्स की कमी: विटामिन B12 की कमी से डिसऑटोनोमिया (स्वायत्त तंत्रिका तंत्र की खराबी) हो सकती है, जो शरीर के तापमान नियंत्रण को प्रभावित करती है. इसके अलावा मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन और थकान बढ़ सकती है, जो गर्मी के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा देती है.

हार्मोनल असंतुलन: हाइपरथायरायडिज्म या मेनोपॉज जैसी स्थितियां शरीर में अत्यधिक गर्मी का कारण बन सकती हैं. थायरॉयड ग्रंथि अगर ज्यादा थायरोक्सिन हार्मोन का प्रॉडक्शन करती है तो शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है. इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है. इसी तरह मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के लेवल में कमी से हॉट फ्लैशेस और गर्मी की संवेदनशीलता बढ़ सकती है.

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