बिहार के पूर्णिया जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग, जिसकी जांघ की हड्डी टूटी थी उसकी एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद गुसाए परिजनों ने नर्सिंग होम के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की अनुपस्थिति में कंपाउंडर ने बुजुर्ग का इलाज किया और उसकी लापरवाही की वजह से उनकी जान चली गई. आरोप ये है कि ऑपरेशन थिएटर ले जाकर दवा का ओवरडोज दिया गया जिसकी वजह से मरीज की मौत हो गई.
घटना गुरूवार 15 मई की है जब घर में फिसलने की वजह से सदर थाना क्षेत्र के गुलाब बाग के शास्त्रीनगर में रहने वाले केदार भगत के जांघ की हड्डी टूट गई. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें लाइन बाजार रोड पर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की गैर मौजूदगी में कंपाउंडर मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ले गया, जहां दवाई का ओवरडोज देने के चलते मरीज की मौत हो गई.
परिजनों के मुताबिक, कंपाउंडर ने डॉक्टरों की अनुपस्थिति में दवाइयों का ओवरडोज देकर जानलेवा ऑपरेशन किया. कंपाउंडर ने मौत से पहले उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा था. कंपाउंडर ने मरीज की मौत होने की जानकारी परिवार को नहीं दी, बल्कि वो उन्हें वेंटिलेटर में रखकर मरीज की हालत गंभीर होने की बात कहने लगा.
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लेकिन, जब परिजन मरीज को देखने के लिए बार-बार कहने लगे, तब उसने उन्हें मौत होने की जानकारी दी. इसके बाद जब परिजनों ने विरोध किया तो आरोपी कंपाउंडर ने उन्हें नर्सिंग होम में तैनात बाउंसरों से पिटवाया. इसके बाद गुस्साए परिजनों ने चक्का जाम किया.
कहीं आप तो नहीं करते ऐसी लापरवाही
इलाज के दौरान जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि इलाज अच्छे डॉक्टर से कराया जाए. कई बार लोग जल्दबाजी में डॉक्टर की बजाए नर्स या कंपाउंडर से इलाज कराने के लिए राजी हो जाते हैं लेकिन ऐसा करना आपकी जिंदगी छीन सकता है. बिना डॉक्टर से कंसल्ट किये किसी भी तरह की दवाई लेना भी लाइफ थ्रेटनिंग हो सकता है.
सर्जरी के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर होते हैं, ऐसे में किसी से भी इलाज करवाना सेहत के साथ खिलवाड़ हो सकता है. यह पहला मामला नहीं है जब किसी कंपाउंडर की लापरवाही की वजह से मरीज की जान गई हो. पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. ऐसी स्थिति में इलाज को लेकर सावधानी बरतें और सही विशेषज्ञ से ही इलाज करवाएं.